अशफाक कायमखानी, सीकर (राजस्थान), NIT; राजस्थान माकपा के सचिव पूर्व विधायक अमराराम के गृहजिले सीकर के किसान- मजदूर तो सालों से उनकी आवाज पर लब्बैक कहते हुये किसी भी मुद्दे पर उनके साथ खड़े होकर बडा आंदोलन लम्बे समय तक चलाने में परिपूर्ण हो चले थे। लेकिन इधर उधर अपनी जायज मांग के लिये भी दर दर भटकने वाले सीकर की बकरामंडी से सम्बन्धित पशु कारोबारियों को भी पिछले महिने 14- जून को संघर्षी व विश्वसनीय नेता पुर्व विधायक अमराराम का साथ मिलने के बाद उन्होंने भी एक मत से इनकी आवाज पर लब्बैक कहते हुये अपनी काफी मांगों को मनवा लिया, बाकी के लिये अमराराम के नेतृत्व में संघर्ष करते हुये आगामी 17- जुलाई को सीकर बकरामंडी मे एक विशाल सभा आयोजीत करने जा रहे हैं।
सालों से पशूक्रूरता के नाम पर पीडित होने वाले सीकर बकरामंडी से तालूक रखने वाले पशु कारोबारियों पर इसी जून माह में मुसीबतों का पहाड़ सा टूट पड़ा। एक तरफ कोटपुतली इलाके में उनके साथ करीब 86 लाख की लूट हो गई तो दुसरी तरफ नागोर जिले की सीमा में इन्हीं सीकर बकरामण्डी के व्यापारियों के साथ लूट व माजिद नामक युवक की हत्या होने से मानो यह पूरी तरह टूट चुकने के बाद अचानक अमराराम का साथ क्या मिला कि इनकी मांग धरापल पर आकर हल होने लगी। पहले शहीद माजिद के हत्यारे गिरफ्तार हुये तो फिर कोटपुतली लूट का खुलासा होकर कुछ लूटेरे गिरफ्तार व रकम बरामद हुई है।सीकर कृषि उपज मंडी में 14-जून को सीकर बकरामंडी के पशु कारोबारियों ने किसान सम्मेलन में बडी तादात में शिरकत करके अमराराम की अगुवाई में साझा लड़ाई लड़ने का तय करके जो कदम बढाये हैं उनमें एक एक करके सफलता मिलने लगी है। इन लोगों ने पहले कुचामन में विशाल साझा मीटिंग करके प्रशासन को झुकाया फिर लोसल बकरा मंडी में मीटिंग करके फिर सरकार को चेताया है एवं अब 17-जून को सीकर बकरामंडी परीसर को शहीद माजिद नगर का नाम देकर वहाँ विशाल साझा सभा करके सरकार को ललकारेंगे। इससे पहले 16-जुलाई को झुंझूनु जिले के नवलगढ कस्बे की बकरामंडी में भी इसी तरह की सभा हो रही है।
कुल मिलाकर यह है कि प्रदेश की दूसरे नम्बर की सीकर बकरा मंडी से लाखों पशु कारोबारी किसी ना किसी रुप से जुड़े हुये है। जिनमे अधिकांश मुस्लिम समुदाय से तालूक रखते हैं। इन कारोबारियों का सालों से अनेक जनप्रतिनिधी विशेष सियासी दल के प्रति भावनाएं उभारकर उनका उपयोग तो करते रहे लेकिन उनकी रोजमर्रा व कभी कभार अचानक आती विशेष आफतों से उन्हेें ही जुझते रहने को छोड़कर हमेशा दूर रहकर तमाशा देखा करते थे। जबसे इन पशु कारोबारियों को पूर्व विधायक अमराराम का साथ मिला है तबसे एक एक करके इनकी समस्याएं हल होने लगी हैं। वही किसानों-मजदुरों के साथ पशु कारोबारियों का सीकर में बने मजबूत गठजोड़ को अब अन्य जिलों में भी पशु कारोबारी बनाने को लालायित दिखाई दे रहे हैं।
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