प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को काले झंडे दिखाने वालों की लाठी-डंडे से हुई पिटाई, ठीक उसी समय यूपी के बनारस में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं द्वारा दिखाए जा रहे थे काले झंडे | New India Times

अशफाक कायमखानी, ब्यूरो चीफ, जयपुर (राजस्थान), NIT:

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को काले झंडे दिखाने वालों की लाठी-डंडे से हुई पिटाई, ठीक उसी समय यूपी के बनारस में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं द्वारा दिखाए जा रहे थे काले झंडे | New India Times

राजस्थान में रीट परीक्षा में पेपर आऊट होने पर मचे घमासान के बाद सरकार के बैकफुट पर आने के पर रीट का दूसरा पेपर परीक्षा रद्द होने के बावजूद भी राज्य भर में बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। तत्तकालीन शिक्षा मंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के प्रदेश दौरे में हर जगह भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा काले झंडे दिखाकर लोकतांत्रिक तरीकों से विरोध लगातार किया जा रहा है। इसी के मध्य महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता व राजस्थान स्टेट के संगठन के चुनाव प्रभारी संजय निरुपम के साथ जब डोटासरा अपने गृह जिले सीकर से झूंझुनू मीटिंग करने जाने पर झूझूनू शहर में जब भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा काले झंडे दिखाकर विरोध करने के समय डोटासरा के साथ सीकर से चल रहे सेवादल के कार्यकर्ता व कुछ सरपंच आक्रोशित होकर लठ व डंडों से प्रदर्शन कारियो पर टूट पड़े। जिससे कुछ प्रदर्शन कारी चोटिल भी हुये बताते। जिस घटना पर भाजपा नेताओं ने कड़ा ऐतराज जताते हुये लठमार पर विरोध जताया है।
इसी तरह इसी समय यूपी के बनारस में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घाट पर जाते समय यूपी मुख्यमंत्री योगी की हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं द्वारा काले झंडे दिखाकर उनका विरोध किया जा रहा था। ममता बनर्जी अपनी गाडी से उतर कर खड़ी हो गई। वो तब तक खड़ी रही जब तक काले झंडे दिखाने वाले लोग वहां से थककर भागखड़े नही हुये। उसके बाद ममता बनर्जी साहस के साथ घाट पर जाकर बैठ गई थी। इसलिए ममता बनर्जी को फाईटर व आयरन लेडी कहते है। इसी तरह पीछले दिनो पंजाब मे प्रधानमंत्री मोदी के सभा को सम्बोधित करने जाते समय किसानों द्वारा रास्ता रोकने के पर पूल पर कुछ समय प्रधानमंत्री का काफला रुकने के बाद वापस एयरपोर्ट आने पर प्रधानमंत्री द्वारा बचकर आने के बोल भी काफी चर्चा मे रहे थे।
कुल मिलाकर यह है कि लोकतंत्र में नेताओं को विरोध स्वरूप काले झंडे दिखाया जाना आम बात है लेकिन विरोध को सहानुभूति में बदल देना नेताओं की कला का कमाल होता है। ममता बनर्जी के साहस की सभी स्तर पर तारीफ की जा रही है।


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