रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
इंडो ग्लोबल सोशल सर्विस सोसाइटी विगत 60 वर्षों से देश के कई राज्यों में सामाजिक मुद्दों पर कार्य कर रही है. संस्था द्वारा वर्तमान में अलीराजपुर के जोबट और उदयगढ़ के 15-15 गांवों में सुपोषण कार्यक्रम अंतर्गत कार्य किया जा रहा है जिसमें महिला और बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण में सुधार लाने का कार्य विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से किया जा रहा है. संस्था के पुनीत सोनी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास विभाग के सहयोग से आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और गांव के युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है और उनसे ग्राम स्तर पर 05 दिवसीय पोषण शिविर का आयोजन करवाया जा रहा है जिसमें प्रथम दिवस में 0 से 05 वर्ष तक के सभी बच्चों का वजन और ऊँचाई लेकर उनका रजिस्ट्रेशन किया जाता है फिर हाइट चार्ट के माध्यम से देखा जाता है की बच्चा लाल कलर में है, पीले में है या हरे में है।
लाल कलर में आने वाले बच्चे अतिकुपोषित की श्रेणी में आते हैं उन्हें NRC में रेफर्ड किया जाता है व परिवार को उचित परामर्श दिया जाता है साथ ही जो बच्चे पीले कलर में आते हैं मध्यम कुपोषित श्रेणी के उन्हें एवं उनकी माताओ को 05 दिन तक पोषण शिविर में सतत बुलाया जाता है और दूसरे दिन आंगनवाड़ी सेवाओं के बारे में बताया जाता है कि बच्चों और माताओं को कौन कौन से टीके कब कब लगाए जाते हैं, पोषण सामग्री को कैसे बनाया जाता है, मंगल दिवस का क्या महत्व है, किशोरी बालिकाओं का आंगनवाड़ी आना क्यों जरूरी होता है, खून की कमी क्यों होती है आदि बातों को बताया जाता है. तीसरे दिन एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता का क्या महत्व है इस पर बार बार हाथ धुलाई, साफ सफाई, साफ पानी, गंदगी न करना, कचरा कचरा पेटी में डालना, व्यक्तिगत स्वच्छता बनाये रखना, खुले में शौच जाने से कैसे वापस हमारे घर गंदगी आ जाती है बताया जा रहा है और शौचालय के उपयोग की बात की जा रही है. चौथे दिन तिरंगा थाली संतुलित आहार के बारे में बताया जा रहा है कि एक ही प्रकार का खाना बार बार खाने से शरीर को ऊर्जा व रोग प्ररिरोधक श्रमता नही मिलती इस लिए हमे सभी प्रकार की हरी सब्जियां, फल, पोषण सामग्री, अनाज का सेवन करना चाहिए जिससे हमारे शरीर को सभी प्रकार के पोषक तत्व मिल सके पंचम दिवस बच्चो का वजन और ऊँचाई लेकर होम विजिट की रूपरेखा तैयार कर विलेज मैपिंग की जाती है जिससे सेम मेम बच्चो के घर आसानी से पहचान कर जाया जा सके । संस्था द्वारा हर 02 माह के अंतराल में 05 दिवसीय पोषण शिविर का आयोजन किया जाता है। स्वच्छता हेतु वाश गतिविधि अंतर्गत स्वच्छ गाँव को लेकर चित्रकला प्रतियोगिता करवाई जाती है किचन गार्डन हितग्राहियो को किचन गार्डन का महत्व बताया जा रहा है कि कैसे हम वेस्ट वाटर से सब्जियों को कम स्थान पर भी लगा सकते है। पुनीत सोनी ने बताया कि संस्था द्वारा कुल 20 आंगनवाड़ी को गोद लिया गया है जिसमे प्रतिदिन भ्रमण कर बच्चो का वजन और ऊँचाई ली जाती है ओर IEC सामग्री के माध्यम से आशा आंगनवाड़ी के साथ बैठक ली जाती है और सेम मेम बच्चो के घर विजिट की जा रही है अगर NRC में भी बच्चो के भर्ती होने का ग्राफ बढ़ा है 0 से 05 वर्ष के बच्चो के परिजनों को लॉक डाउन के चलते राहत सामग्री प्रदान की गई थी व कुछ किसान साथियो को मक्का के बीज और तुवर के बीज प्रदान किये गए थे। 01 मार्च से 08 मार्च तक बाल विवाह को लेकर अभियान चलाया जाएगा कुपोषण का एक मुख्य कारण बाल विवाह है समाज को ये बात समझाने हेतू जागरूकता रथ व बैठकों का आयोजन किया जाएगा।
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