पीयूष मिश्रा, सिवनी ( मप्र ), NIT; ग्राम पंचायत छपारा की आर्थिक अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की शिकायत पंचायत के उप सरपंच और 11 पंचों ने 4 जुलाई को जनसुनवाई में जिला कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को की थी, जिसके आधार पर मंगलवार दोपहर 3:00 बजे अचानक एक चौपहिया वाहन ग्राम पंचायत छपारा कार्यालय पहुंचा, जिसमें उड़न दस्ता की नेम प्लेट लगी हुई थी जैसे ही इस बात की खबर ग्राम पंचायत के शिकायतकर्ताओं उपसरपंच सहित 11 पंचों को लगी तो वह भी पंचायत कार्यालय पहुंच गए, जहां पर ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती पूनम संयम सहित पंचायत सचिव प्रकाश भलावी और कुछ पंच बैठकर गुपचुप तरीके से जांच करवा रहे थे।
पंचायत के उपसरपंच ने गुपचुप तरीके से जांच को लेकर आपत्ति जताते हुए जांच टीम से यह कहा कि शिकायतकर्ताओं की मौजूदगी में बिंदुवार जांच होनी चाहिए, जिस पर जिला पंचायत से आई हुई 2 सदस्यीय टीम की प्रभारी श्रीमती वंदना मुड़िया जोकि परियोजना अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं ने बताया कि जांच टीम के आने की सूचना पंचायत सचिव प्रकाश भलावी को दी गई थी। जिस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए उपसरपंच ने जांच टीम से निवेदन किया कि पंचायत के शिकायतकर्ता समस्त 11 पंचों की मौजूदगी में ही जांच होना चाहिए, जिसके बाद कुछ देर पंचायत कार्यालय में गहमागहमी का भी वातावरण बना रहा और जिला पंचायत से आई हुई 2 सदस्यीय जांच टीम बिना जांच किए बैरंग वापस लौट गई।उल्लेखनीय है कि पिछले 1 सप्ताह से ग्राम पंचायत छपारा के सरपंच-सचिव के काले कारनामे आए दिन समाचार पत्रों की सुर्खियां भी बने हुए हैं। वही पंचायत के उपसरपंच सहित 11 पंचों ने भी पंचायत की आर्थिक अनियमितताओं की शिकायत बिंदुवार जिला कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को भी सौंपी थी, जिसके बाद जिला पंचायत सीईओ ने 1 सप्ताह के भीतर जांच का आश्वासन दिया था। लेकिन 7 दिन बाद 2 सदस्यीय टीम जिसमें परियोजना अधिकारी वंदना मुड़िया और जिला पंचायत स्थापना शाखा के मनोज मेश्राम गुपचुप तरीके से छपारा ग्राम पंचायत कार्यालय में दोपहर 3:00 बजे अपने चौपहिया वाहन जिसमें उड़नदस्ता भी लिखा हुआ था पहुंचे लेकिन इसकी पूर्व सूचना पंचायत के शिकायतकर्ताओं को नहीं दीईगई। ऐसे में पंचायत में लाखों रुपए के फर्जीवाड़े और फर्जी बिलों की जांच किस तरह होगी यह भविष्य के गर्त में है। फिल्हाल इस बात की पूरी शिकायत पुनः पंचायत के उप सरपंच ठाकुर सुरजीत सिंह ने जिला पंचायत सीईओ से की है। अब देखना यह है कि आगे कब तक जांच टीम छपारा पंचायत पहुंचकर पंचायत के काले कारनामे और फर्जीवाड़े को लेकर निष्पक्ष जांच करती है। यहां यह भी उल्लेखनीय होगा कि जांच टीम की प्रभारी श्रीमती वंदना मुड़िया पूर्व से ही अपने कार्यकाल को लेकर काफी चर्चित भी रही हैं। इसके पहले भी मध्यान भोजन की जिला प्रभारी भी रही हैं। यही नहीं आवास योजना भी इनकी देखरेख में चलता था, जहां इनके ऊपर व्यापक तौर पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे थे। ऐसे में इनके द्वारा किस तरह से जांच की जाएगी यह समझ के परे है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.