अरशद आबदी, झांसी ( यूपी ), NIT; झांसी नगर कोतवाली क्षेत्र के समीप ज़िला चिकित्सालय में मरीजों को डॉक्टरों से मिलने के लिए सुबह से ही नंबर लगाना पड़ता है। इसके बवजूद भी कोई डॉक्टर अपने कक्ष में मौजूद न मिले तो मरीजों की क्या हालत होगी यह हम अंदाजा लगा सकते हैं। ग़रीब मरीज यह सोच कर ज़िला अस्पताल आता है कि उसका वह उपचार यहां ठीक से हो जाएगा लेकिन ज़िला अस्पताल में आज कुछ अलग ही देखने को मिला। आज किसी भी केबिन में कोई डॉक्टर मौजूद नही था।
आज NIT संवाददाता ने खुद जिला अस्पताल का जायज़ा लिया। अस्पताल में मरीजों व तीमारदारों की काफी भीड दिखी लेकिन कोई भी डॉक्टर अपने केबिन में मौजूद नहीं मिला। जब इस सम्बंध में सी एम एस केबिन में संवाददाता पहुंचा तो वह भी नदारद दिखे। वहीं अस्पताल में बीमार बच्चे और कई बीमारियों से ग्रस्त पेशेंट लाइन लगा कर डॉक्टर साहब का लंबे समय तक इंतजार करते रहे। योगी सरकार ने अस्पतालों की व्यवस्था सुधारने के लिए सख्त निर्देश जारी कर रखी है लेकिन इस का सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों व कर्मचारियों पर कुछ खास असर देखने को नही मिल रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार गत दिवस महिला वार्ड से शिकायत आई थी कि महिला वार्ड में 10 बजे रात तक लड़के मौजूद रहते हैं जबकि महिला वार्ड का मिलने का समय 8:30 तक ही है, लेकिन इसके बाद भी लोग देर रात्रि महिला वार्ड में मौजूद रहते हैं। इस बात का जब एक महिला ने विरोध किया तो महिला वार्ड में उस महिला से अभद्र व्यहवार किया गया। जब वह महिला नर्सिंग डिपार्टमेंट में शिकायत करने पहुंची तो देखा ड्यूटी रूम में कोई नर्स मौजूद नहीं है। कुल मिलाकर जिला अस्पताल झांसी की हालत खुद बीमार दिख रही है। इस चिकित्सालय के डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों पर शासन-प्रशासन क्या कारवाई करती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
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