रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
थांदला शासकीय सेवा से ईमानदारी पूर्वक कार्य करते हुए निवृत्त होना हर कोई चाहता है, वही उसे उस स्थान पर रहने वाले लोगों व सहकर्मियों आदि सबका प्यार और स्नेह मिल जाये तो यह उसकी तपस्या का फल ही कहा जा सकता है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में अपनी सेवा के 33 वर्ष पूर्ण कर श्रीमती विद्या गोपाल परिहार के सेवानिवृत्त होने पर उनके कर्तव्य स्थल सेमल पाड़ा गाँव में। जहाँ गाँव के सरपंच देवा छगन डामोर सहित ग्राम वासियों ने शादी समारोह की तरह आयोजन करते हुए श्रीमती विद्या को अभूतपूर्व विदाई दी।
इस मौके पर पूरे परिवार को मामेरा ओढ़ाते हुए सरपंच देवा ने कहा कि मैडम तो बहुत आएंगी लेकिन इनके जैसी अब कभी नहीं मिलेगी।
उन्होंने बताया कि आज से 33 वर्ष पूर्व जब गाँव में कोई आना नहीं चाहता था तब एक टूटी हुई झोपड़ी में आंगनवाड़ी लगा करती थी तब से मैडम ने गाँव के बच्चों को संस्कार देने का काम किया है।
इस मौके पर आंगनवाड़ी प्रभारी पुष्पा डोडियार ने कहा कि विद्या जी ने आंगनवाड़ी में कार्य करते हुए कभी शिकायत का मौका नहीं दिया है वहीँ वे एक प्रेरणा बनकर सभी के लिए हमेशा याद की जाएंगी. वहीं उनके साथ सभी सहकर्मियों ने उनके आने वाले जीवन की बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित की।
इस मोके पर उनके हमसफ़र गोपाल परिहार, पुत्र द्वय लोकेश व जितेंद्र परिहार, सुनील वर्मा, प्रवीण देवड़ा, विक्रम सिंगाड, मनीष वाघेला, पवन नाहर, मनोज उपाध्याय, आंगनवाड़ी व स्कूल स्टॉफ से पुष्पा डोडियार, अर्चना निनामा, कलसिंग वसुनिया, पद्मा हिनवार, दिनेश पोरवाल, मुन्नी परमार, क्लेर डामोर, मगनसिंग वसुनिया एवं उनकी सहायिका सुगना मेड़ा सहित गाँव वासी मौजूद थे।
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