जफर खान, अकोला (महाराष्ट्र), NIT:
महाराष्ट्र के मेलघाट का नाम तो शायद काफी लोगों ने सुना ही होगा जो जंगली जानवरों व घने दरख्तों से घिरा हुआ है, जहाँ पर कोसों दूर किसी किस्म की मदद तो छोड़ो कोई आम इंसान भी मुश्किल से ही दिखाई देता है. ऐसे घने जंगल में अगर हमारी वाहन खराब हो जाए या पंचर हो जाय और दूर दूर तक कोई सुविधा न दिखे तो हमारी हालत क्या होगी, यह सोच कर ही हमारी हालत खराब होने लगती है. ऐसे में कोई अजनबी बिना किसी स्वार्थ, बिना किसी जातिवाद, बिना किसी मतलब के आप की ऐसे जंगली जानवरों के इलाके में मदद करें और आप मुसीबत से राहत पाकर अपने घर सही सलामत पहुंच जाएं तो ऐसे शख्स को क्या कहेंगे. यही बात कई लोगों से पूछी गई तो लोगों द्वारा मानवता का फरिश्ता नाम मिला साथ ही यह भी सुनाई दिया की गुड्डू तेरे कार्य को सलाम.
जी हा हिवर्खेड से धारणी जाने वाला मार्ग धुलघाट होते हुए धारणी जाता है और बीच में एक गांव चेंदड़ो पड़ता है जहा पर गुड्डू उर्फ अजहर खान नामक व्यक्ति रहता है जो की किसी मजबूर इंसान को देखते ही उसकी मदद करने के लिए दिलों जान से कोशिश कर कार्य पूरा करता है वह भी बिना किसी मूल्य के. कई लोगों द्वारा सुना गया है की गाड़ी पंचर होने के बाद जब कोई सुविधा नहींं मिली तो गुड्डू ने आपने ही घर से अपने गाड़ी के चाक खोलकर दे दीए बिना जान पहचान के, इस दयालु व इंसानियत दिखाने वाले शख्स को जिलाधिकारी व वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सम्मानित किया जाना चाहिए जो बिना किसी पैसे लिए बिना जान पहचान बिना जातिवाद बिना किसी स्वार्थ के अनजान लोगों की मदद करता है. ऐसे कार्य करने वाले के प्रति लोग कहते हैं गुड्डू तेरे कार्य को सलाम.
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