बहराइच जिला अस्पताल बना आवारा पशुओं का बसेरा, सुअरों के झुंड से स्वाइन फ्लू और अन्य बीमारियों के फैलने का खतरा | New India Times

फराज अंसारी, बहराइच ( यूपी ), NIT; ​बहराइच जिला अस्पताल बना आवारा पशुओं का बसेरा, सुअरों के झुंड से स्वाइन फ्लू और अन्य बीमारियों के फैलने का खतरा | New India Timesबहराइच जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। कहीं गन्दगी और जल भराव का सामना है तो कहीं स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी। इसके साथ-साथ आवारा जानवर भी अस्पताल के लिये बड़ी समस्या बने हुए हैं।​
बहराइच जिला अस्पताल बना आवारा पशुओं का बसेरा, सुअरों के झुंड से स्वाइन फ्लू और अन्य बीमारियों के फैलने का खतरा | New India Timesजिला अस्पताल में सफाई कर्मी से लेकर सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के बाद भी व्यव्यस्था लचर बनी हुई है। कई बार जानवरों के वर्चस्व की लड़ाई में अस्पताल में खड़े वाहन क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। जानवरों के हमले में मरीज व तीमारदार भी घायल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक इस समस्या से निपटने के लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा कोई ठोस इन्तिज़ाम नहीं किया गया है। कई बार सांड व गाय अस्पताल के वार्डो में घुस चुके हैं, जिससे मरीज व तीमारदारों को परेशानी उठानी पड़ी है। जानवरों के हमले की आशंका से लोग दहशत में रहते हैं।​
बहराइच जिला अस्पताल बना आवारा पशुओं का बसेरा, सुअरों के झुंड से स्वाइन फ्लू और अन्य बीमारियों के फैलने का खतरा | New India Timesये जानवर अस्पताल में रहते-रहते इतने अभ्यस्त हो चुके हैं कि अस्पताल में खड़े वाहन, बाइक की डिग्गी व बैग मुंह से खोल कर खाने पीने का सामान निकल ले जाते हैं। जानवरों की इस कलाकारी से लोगों में हैरत भी है। यही नहीं मरीज व तीमारदारों के इलावा अस्पताल में बने सरकारी आवासों के चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी भी इन छुट्टा जानवरों के आतंक से ग्रसित हैं। जानवर आवासों में घुसकर गन्दगी फैलाते हैं। सबसे बड़ा खतरा तो अस्पताल में बड़ी संख्या में घूमते गन्दे जानवर सुअरों से है। जो गन्दगी व संक्रामक बीमारियां फैला सकते हैं। खुद स्वास्थ्य महकमे का कहना है कि आबादी में पले सुअरों से डेंगू और स्वाइन फ़्लू जैसी भयानक बीमारिय हो सकती हैं।​बहराइच जिला अस्पताल बना आवारा पशुओं का बसेरा, सुअरों के झुंड से स्वाइन फ्लू और अन्य बीमारियों के फैलने का खतरा | New India Timesसबकुछ जानने के बावजूद भी स्वास्थ्य महकमा कुम्भकर्णी नींद में सोया हुआ है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जानवरों के हमले में किसी व्यक्ति की मौत या घायल होने पर जिम्मेदार कौन होगा?  कहने को तो अस्पताल में भारी भरकम संख्या में तैनात गार्ड व सफ़ाई कर्मी महज दिखावे के लिए हैं। आखिर इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए कोई ठोस कदम उठाया भी जायेगा की नहीं? 

इस सम्बन्ध में सी एम एस डॉ ओ पी पाण्डेय ने बताया कि समस्या तो है, समाधान के लिए हमारी कोशिशें जारी हैं।


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