नरेंद्र कुमार, जामनेर/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
बीते 3 महीने से जारी बस हड़ताल के कारण हमारे कर्मीयो के वेतन ठप हो गए हैं. 30 फीसद कर्मी ऐसे हैं जिनके आजीविका का साधन खेती है लेकिन 70 फीसद कर्मिगण मात्र नोकरी पर निर्भर हैं. आप लोग हड़ताल का समाधान निकालें, मैं सरकार से वेतन वृद्धि की याचना करूंगा, ऐसा आश्वासन समाजसेवी प्रफुल्ल लोढ़ा ने हड़ताली बस कर्मियों को दिया है. 26 जनवरी के मौके पर लोढ़ा ने हड़ताली कर्मियों से मुलाकात कर उनको किराना किट का वितरण किया. लोढ़ा ने कहा कि यह मसला अब कोर्ट में है, जब तक कोर्ट से कोई ठोस फैसला नहीं होता तब तक सरकार कुछ नीतिगत निर्णय नहीं ले सकती. इसी कड़ी में हड़ताल को 3 महीने होने को हैं, मैं आप सब को आश्वस्त करता हूँ कि आप हड़ताल पीछे लेने को लेकर कोई सकारात्मक कदम उठाएं, मैं आप सब के साथ सरकार के मंत्रियों से मिलकर अतिरिक्त वेतन बढ़ोतरी की मांग को रखूंगा. विदित हो कि बतौर सरकारी कर्मी का दर्जा प्राप्त करने हेतु महाराष्ट्र में पथ परिवहन निगम के कर्मियों की हड़ताल जारी है. मामला मुंबई हाई कोर्ट में है. सरकार ने एक समिति बनाई है जो कर्मियों की मुख्य मांग को लेकर रिपोर्ट पेश करेगी. इसी बीच सरकार की अपील पर 90 हजार में से 25 हजार कर्मी काम पर लौट आए हैं और राज्य के कई बस डिपो से बसों का परिचालन शुरू हो गया है जबकि अब भी हजारों कर्मी इसी आशा से हड़ताल पर हैं कि उनकी मांग मान ली जाएगी.
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