जफर खान, अकोट/अकोला (महाराष्ट्र), NIT:
अकोट तहसील के राजस्व विभाग के आशिर्वाद से अकोट ग्रामीण क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध रेत तस्करी का गोरखधंधा चल रहा है. ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर कोई सामाजिक कार्यकर्ता या पत्रकार इस मुद्दे पर आवाज उठाता है और अधिकारियों को अवैध रेत वाहनों की तस्वीरें, वीडियो भेजता है तो वही अधिकारी शिकायतकर्ताओं के वीडियो, फोटो और फोन नंबर अवैध रेत माफियाओं को भेजते हैं जिससे रेत तस्करी करने वाले गुस्सा होकर तक्रार करने वालों को धमकियां देते हैं। बताया जाता है कि इसी के कारण अकोट राजस्व विभाग के आशिर्वाद से रेत तस्करी का अवैध धंधा फल फूल रहा है. इस संबंध में कई शिकायतें दर्ज होने के बावजूद भी अवैध कारोबार खुलेआम जारी है और अकोट राजस्व विभाग की छत्रछाया में उन्हें इतनी आजादी मिली हुई है. पुलिस प्रशासन की कार्रवाई के बाद भी अवैध रेत की तस्करी हो रही है. आज पोपटखेड़ शिवर में रेत तस्कर खुलेआम अवैध रेत निकालते नजर आ रहे हैं, जैसा कि पत्रकारों द्वारा लाए गए वीडियो से पता चलता है, लेकिन राजस्व अधिकारियों को इसकी जानकारी है और यह जानने के बाद भी छूट दी जा रही है. ऐसे रेत तस्करों के बारे में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, इसलिए इस बात के सबूत हैं कि अवैध रेत तस्करों को सिर्फ राजस्व विभाग के कर्मचारी ही रियायत दे रहे हैं. तो क्या बालू माफिया और राजस्व विभाग ने समाचार प्रकाशकों के खिलाफ झूठे आरोप लगाने की फरयाद दर्ज करेंगे ? या फिर राजस्व विभाग उन रेत माफियाओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करते हैं यह देखना दिलचस्प होगा.
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