रैली में भीड़ नहीं जुटने के कारण प्रधानमंत्री की सुरक्षा का मुद्दा बना रहे हैं भाजपाई: गोविन्द डोटासरा. प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री गहलौत ने भी भाजपा पर साधा निशाना | New India Times

अशफाक कायमखानी, ब्यूरो चीफ, जयपुर (राजस्थान), NIT:

रैली में भीड़ नहीं जुटने के कारण प्रधानमंत्री की सुरक्षा का मुद्दा बना रहे हैं भाजपाई: गोविन्द डोटासरा. प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री गहलौत ने भी भाजपा पर साधा निशाना | New India Times

प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रैस कांफ्रेंस में प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा ने कहा कि पंजाब में होने वाले आगामी चुनावों को लेकर प्रधानमंत्री तथा भाजपा ऊहापोह की स्थिति में हैं क्योंकि पिछले 15-16 महिनों में केन्द्र सरकार द्वारा किसानों पर अत्याचार किये गये, उन पर तीन काले कृषि कानून थोपने का कार्य भाजपा की केन्द्र सरकार ने किया, कानून वापस लिये गये, देश से माफी मांगी, किन्तु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों एवं किसान संगठनों से चर्चा करना भी उचित नहीं समझा। केन्द्र सरकार ने किसान आन्दोलन के दौरान शहीद हुए कृषकों के संदर्भ में कोई निर्णय नहीं लिया तथा अब एक षडय़ंत्र के तहत् जिस प्रकार छद्म राष्ट्रवाद को आधार बनाया था, पुन: इसी एजेण्डे के तहत् भाजपा पंजाब में चुनावी माहौल बनाना चाहती है। उक्त विचार राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, जयुपर पर आयोजित प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अधीन कार्यरत एजेंसियों की है। उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य सरकार ने तो प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान अपनाये जाने वाले समस्त प्रोटोकॉल की पालना की है। उन्होंने कहा कि पंजाब के कैबीनेट मंत्री ने प्रधानमंत्री के आगमन पर उनका स्वागत किया तथा राज्य सरकार ने जो आवश्यक इंतजाम थे किये, किन्तु प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा का कार्यक्रम अचानक परिवर्तित किया जिसकी पूर्व सूचना पंजाब सरकार को नहीं दी गई थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सभा स्थल तक हैलीकॉप्टर द्वारा जाने का कार्यक्रम था, किन्तु अचानक सडक़ मार्ग से जाने का निर्णय बिना राज्य सरकार को सूचित किये लिया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के काफिले पर ना तो कोई हमला हुआ और ना ही कोई व्यवधान उत्पन्न हुआ। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के काफिले को जिस स्थान पर किसान धरना दे रहे थे से काफी पहले रोक लिया गया था, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सूचना मिली कि उनकी रैली में भीड़ नहीं आई है, जितना अनुमान था उसके एक प्रतिशत लोग भी रैली में प्रधानमंत्री को सुनने नहीं आये, तो सोची-समझी साजिश के तहत् अकारण रैली रद्द करने का ढोंग रचा गया। उन्होंने कहा कि देश के कानून के मुताबिक गृह मंत्री के अधीन कार्यरत एजेंसियों की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री की सुरक्षा करना है, यदि कोई चूक हुई है तो इसकी जिम्मेदारी गृह मंत्री की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का सभा स्थल तक हैलीकॉप्टर से जाने का कार्यक्रम था, यही पंजाब की राज्य सरकार को सूचित किया गया था, इसमें अचानक बदलाव करने की वजह क्या थी? डोटासरा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पंजाब के लोग सुनना नहीं चाहते थे, इसलिये रैली में भीड़ नहीं आई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के काफिले के समक्ष ना तो कोई नारा लगा, ना कोई हमला हुआ, बल्कि प्रधानमंत्री के मार्ग परिवर्तन की जानकारी मिलने पर पंजाब सरकार ने धरना दे रहे किसानों की भीड़ को भी हटा दिया था, लेकिन रैली के असफल होने के कारण भाजपा ने पंजाब सरकार को बदनाम करने के षडय़ंत्र के तहत् अनर्गल एवं झूठे आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसान अपने संवैधानिक अधिकारों के तहत् धरना एवं प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में पहले भी पूर्व प्रधानमंत्रियों के विरूद्ध धरने-प्रदर्शन होते रहे हैं। पं. जवाहरलाल नेहरू को पकडक़र एक वृद्ध महिला ने पूछा था कि हमें आजादी से क्या मिला? तब पं. नेहरू ने जवाब दिया कि आजादी के पश्चात् देश की जनता अपने प्रधानमंत्री को पकडक़र सवाल कर सकती है। इसी प्रकार 1955 में पं. नेहरू को काले झण्डे दिखाने वाला एक शख्स सिविल सेवा परीक्षा में पास हो गया, जब उसकी फाईल प्रधानमंत्री के पास स्वीकृति के लिये गई तो अनेक नौकरशाहों द्वारा उस शख्स के खिलाफ कार्यवाही करने का सुझाव देने के बावजूद पं. नेहरू ने योग्यता के आधार पर उस व्यक्ति की फाईल पर स्वीकृति प्रदान की थी। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गॉंधी को बीएचयू के छात्रों ने काले झण्डे दिखाये थे तथा विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर ने उन छात्रों के खिलाफ कार्यवाही करने का मन बना लिया था, लेकिन श्रीमती गॉंधी ने विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर को ऐसा करने से रोका तथा कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि राजघाट पर तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री राजीव गॉंधी पर गोली चल गई थी, किन्तु उन्होंने इस घटना का कोई संज्ञान नहीं लिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सुरक्षा प्रोटोकॉल को अनेक बार तोड़ चुके हैं जिसमें बिना सूचना के पाकिस्तान जाकर बिरयानी का लुत्फ उठाने का उदाहरण सबके समक्ष है। उन्होंने कहा कि वैसे तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनेक अवसरों पर सुरक्षा प्रोटोकॉल को तोड़ा है, किन्तु पंजाब में आगामी चुनावों को देखते हुए अपने सुरक्षा प्रोटोकॉल की पालना नहीं की तथा चुनावी फायदा लेने के लिये अनर्गल आरोप लगाकर अपने पक्ष में माहौल बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पंजाब सरकार के विरूद्ध की गई टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि फैडरल सिस्टम के तहत् इस प्रकार की टिप्पणी अशोभनीय है। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने तो यहॉं तक कहा कि यदि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में किसी प्रकार की आंच आती तो वे अपना स्वयं का खून बहा देते। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एवं इंतजामों में कोई कसर नहीं छोड़ी, उसके बावजूद मुख्यमंत्री के विरूद्ध प्रधानमंत्री की टिप्पणी निन्दनीय है। उन्होंने कहा कि क्या पंजाब के मुख्यमंत्री दलित वर्ग से आते हैं, यही उनका अपराध है। उन्होंने कहा कि भाजपा के समस्त नेता, केन्द्रीय मंत्रीगण सोशल मीडिया पर कांग्रेस के विरूद्ध अनर्गल आरोप लगाकर बदनाम करने की चेष्टा कर रहे हैं जबकि भाजपा नेताओं को यह जान लेना चाहिए कि किसान ना तो किसी के आगे झुकता है और ना ही किसी से डरता है। उन्होंने कहा कि किसानों के विरूद्ध पारित तीनों काले कृषि कानून वापस लेने पर केन्द्र सरकार को किसानों से चर्चा करनी चाहिए तथा आन्दोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को मुआवजा प्रदान करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि भाजपा राजनैतिक नौटंकी बंद कर किसानों की समस्याओं पर ध्यान दे और उनकी मांग स्वीकार करे। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा एवं एकता को कायम रखने हेतु कांग्रेस की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गॉंधी ने अपने जीवन का बलिदान कर दिया, कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री शहीद हुए तथा जिनकी दादी एवं पिता देश के लिये कुर्बान हो गये, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हीं की एसपीजी सुरक्षा हटाने का निन्दनीय कार्य किया है। डोटासरा ने कहा कि पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं था, केवल चुनावी लाभ के लिये राजनैतिक ड्रामा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के काफिले के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा नारे लगाया जाना सभी ने देखा है, किन्तु खतरा हो ऐसा कहीं दृश्य दिखाई नहीं दिया। उन्होंने कहा कि राज्यों के आगामी चुनावों के मध्यनजर भाजपा द्वारा कांग्रेस सरकारों के खिलाफ तथ्यहीन आरोप लगाकर माहौल बनाया जा रहा है जबकि इसका कोई लाभ भाजपा नहीं उठा पायेगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में किसानों की हत्या करने वाला का पिता आज भी केन्द्र सरकार में मंत्री बना हुआ है। उन्होंने कहा कि देश प्रधानमंत्री के मान एवं सम्मान के लिये सभी देशवासी प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री की सुरक्षा हेतु सभी देशवासी अपनी निष्ठा रखते हैं क्योंकि प्रधानमंत्री पद देश की गरिमा से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों में रहे प्रधानमंत्री भाजपा के नेताओं को देश की बात एवं विचारधारा रखने हेतु विदेशों में भेजते रहे हैं किन्तु प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं जो कि प्रधानमंत्री जैसे पद की गरिमा के अनुकूल नहीं है। प्रेसवार्ता को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सम्बोधित करते हुए कहा कि भाजपा के नेता देश में यह माहौल बनाने का असफल प्रयास कर रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री से घृणा करती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसी पार्टी का नहीं होता है बल्कि देश का होता है जिसकी सुरक्षा एवं रक्षा करने के लिये सभी देशवासी तैयार एवं तत्पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा ऐसे विषय पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के संबंध में कांग्रेस पार्टी से ज्यादा कोई नहीं जानता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गॉंधी, छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री श्विद्याचरण शुक्ल, पंजाब में सरदार बेअंत सिंह को सुरक्षा चूक के कारण जान गवाते देखा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी गॉंधी जी द्वारा दिखाये गये अहिंसा एवं सत्य के मार्ग पर चलती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कभी भी भाजपा पर झूठे आरोप नहीं लगाये और ना ही अनर्गल आरोप लगाकर राजनीति करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि राजघाट पर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गॉंधी पर गोली चलाई गई थी, इसी प्रकार पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को अनेक दफा काले झण्डे दिखाये गये, किन्तु इन नेताओं ने इसे लोकतंत्र की भावना से लिया क्योंकि इस तरह की घटनायें लोकतंत्र में ही सम्भव है। उन्होंने कहा कि जब केन्द्र सरकार के पास मार्ग पर किसानों द्वारा धरना दिये जाने की जानकारी थी, भाजपा नेताओं ने किसानों को समझाने का प्रयास किया था किन्तु किसान नहीं माने, ऐसी परिस्थिति में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हैलीकॉप्टर से जाने के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को बदलकर सडक़ मार्ग से जाने का निर्णय क्यों लिया? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा हेतु एसपीजी एक्ट में प्रोटोकॉल तय है, खूफिया एजेंसियां एवं एसपीजी की अनुमति के बगैर प्रधानमंत्री का काफिला रवाना तक नहीं होता है, किन्तु सडक़ मार्ग अवरूद्ध होने के बावजूद प्रधानमंत्री के काफिले को रवाना होने की अनुमति कैसे प्रदान की गई इसकी जांच होनी चाहिए। गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एसपीजी एक्ट में संशोधन कर श्रीमती सोनिया गॉंधी, राहुल गॉंधी, श्रीमती प्रियंका गॉंधी को प्राप्त एसपीजी की सुरक्षा हटा दी, जबकि खूफिया एजेंसियों से कोई इनपुट तक नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पंजाब सरकार एवं मुख्यमंत्री के विरूद्ध जो टिप्पणी की है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियों के तहत् नियमानुसार कार्य किया, जबकि सुरक्षा व्यवस्था एवं इंतजामात की समस्त जिम्मेदारी एसपीजी एवं अन्य खूफिया एजेंसियों के पास है जो कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करती है। उन्होंने कहा कि इन एजेंसियों की कार्यप्रणाली की जांच क्यों नहीं की जा रही है जबकि केन्द्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी सहित अनेक नेता कांग्रेस की पंजाब सरकार पर अनर्गल एवं तथ्यहीन आरोप लगाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के खून में अहिंसा है, जबकि आरएसएस के खून में हिंसा है। उन्होंने कहा कि आएसएस एवं भाजपा के कार्यों तथा व्यवहार में हिंसा परिलक्षित होती है और आज भाजपा नेता कांग्रेस को अहिंसा का पाठ पढ़ाने का ढोंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा धर्म की राजनीति कर सत्ता में आ गई तथा जनता की आवश्यकताओं से इन्हें कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में पिछले 70 वर्षों से हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई एकजुटता के साथ प्रेमपूर्वक देश में रह रहे थे, किन्तु आज देश में धर्म के नाम पर तनाव बढ़ रहा है, इसके वास्तविक कारणों को समझना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पहली बार पंजाब में दलित मुख्यमंत्री बना है जिससे देशभर में खुशी का माहौल बना था, ऐसे मुख्यमंत्री पर प्रधानमंत्री द्वारा अनर्गल आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि देश में आज चिंता का माहौल है तथा देशवासियों को सोचना पड़ेगा कि भविष्य में हमारा देश कैसा हो? उन्होंने कहा कि लोकतंत्र खतरे में है, न्यायपालिका दबाव में है, संवैधानिक संस्थाओं का दुरूपयोग हो रहा है, चुनावी राज्यों में विरोधियों के विरूद्ध ईडी, सीबीआई, आईटी का दुरूपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब में प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान घटी घटना दुर्भाग्यपूर्ण है तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एसपीजी, आईबी से सम्पूर्ण रिपोर्ट लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि भाजपा के नेता देश को गुमराह नहीं करेंगे बल्कि घटना की सम्पूर्ण जांच करवाकर सही तथ्य देश के सामने प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने कहा कि भीड़ कम होने के कारण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की फिरोजपुर में आयोजित रैली को भाजपा ने रद्द किया है, इसके अलावा प्रधानमंत्री की सभा को रद्द करने का कोई कारण नहीं था।


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By nit

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