यूपी बोर्ड में सेमेस्टर प्रणाली पढ़ाई के लिए होगी अभिशाप: डाॅ रक्षपाल सिंह | New India Times

अंकित तिवारी, अलीगढ़/लखनऊ (यूपी), NIT:

यूपी बोर्ड में सेमेस्टर प्रणाली पढ़ाई के लिए होगी अभिशाप: डाॅ रक्षपाल सिंह | New India Times

डॉ. बी आर अम्बेडकर विश्विद्यालय शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ रक्षपाल सिंह ने कहा है कि गत वर्ष तक लागू नई शिक्षा नीति 1986/92 के अनुसार माध्यमिक कक्षाओं में प्रति वर्ष 240 कार्य दिवसों में पठन पाठन किये जाने के बाद वार्षिक परीक्षा लिए जाने का प्रावधान था। सच्चाई ये है कि विगत वर्षों में विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षाएं तो होती रहीं लेकिन कक्षाओं में पढ़ाई किसी भी वर्ष में 150 दिन भी नहीं हो सकी। अब नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार वर्ष में दो बार सेमेस्टर परीक्षाएँ सम्पन्न होंगी, जिसका परिणाम यह होगा कि इस वर्ष से 125 दिन भी पढ़ाई नहीं हो पाएगी। कैसी विडंबना है कि वर्तमान सरकार को माध्यमिक कक्षाओं के विभिन्न विषयों का ज्ञान विद्यार्थियों को दिए जाने की कोई चिंता नहीं है बल्कि उसे चिंता इस बात की है कि उंसके द्वारा लागू की जा रही नई शिक्षा नीति 2020 के नयेपन के औचित्य का प्रदर्शन ही हो जाए।
डॉ सिंह ने बताया है कि 5 दशक पूर्व मेरठ विश्विद्यालय जैसे कुछ राज्य विश्विद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली शुरू की गई थी लेकिन फ्लॉप हुई, कारण यह रहा कि जब विभिन्न राज्य विश्विद्यालयों द्वारा वर्ष में एक बार सम्पन्न होने वाली वार्षिक परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम समय से नहीं दिए जा सके तो वर्ष में 2 बार सम्पन्न होने वाली परीक्षाओं के परिणाम समय से घोषित किया जाना किसी भी दशा में संभव नहीं होगा। डॉ सिंह ने जिम्मेदारी के साथ कहा है कि यूपी बोर्ड परीक्षाओं में सेमेस्टर प्रणाली निश्चित तौर पर अभिशाप सिद्ध होगी। अतः सरकार को सेमेस्टर प्रणाली को लागू करने पर पुनः विचार करना चाहिए


लेखक डॉ रक्षपाल सिंह जाने माने शिक्षाविद और धर्म समाज कालेज, अलीगढ़ के पूर्व विभागाध्यक्ष हैं।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading