स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर समर्पण के 75 वर्ष अमृत महोत्सव कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन | New India Times

मुबारक अली, ब्यूरो चीफ, शाहजहांपुर (यूपी), NIT:

स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर समर्पण के 75 वर्ष अमृत महोत्सव कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन | New India Times

जनपद के एस०एस० (पी०जी०) कॉलेज में आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर मनाए जा रहे अमृत महोत्सव के अंतर्गत समर्पण के 75 वर्ष शीर्षक से एक व्यापक कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. इस कार्यक्रम में राष्ट्र को समर्पित 75 कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी श्रंखला की प्रथम कड़ी के रूप में स्नातकोत्तर छात्रों के दीक्षारंभ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुकुल सिंघल, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद लखनऊ ने अमृत महोत्सव की योजनाओं को दर्शाने वाले फोल्डर का विमोचन करके कार्यक्रम का उदघाटन किया. इससे पूर्व महाविद्यालय के मुख्य द्वार पर शिक्षक- शिक्षिकाओं तथा छात्र-छात्राओं ने माल्यार्पण द्वारा मुख्य अतिथि, जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक आदि अतिथियों का स्वागत किया. अतिथियों ने एस०एस० कॉलेज में निर्मित स्वामी जी के मंदिर पर पूजन करने के उपरांत विधि महाविद्यालय का भ्रमण किया तथा कालेज प्रांगण में पौधा भी रोपित किया. एस०एस० कॉलेज के सभागार में आयोजित दीक्षारंभ समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन करके किया गया तत्पश्चात डॉ० कविता भटनागर एवं छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वन्दना और अतिथियों के स्वागत में स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया. प्रबन्ध समिति के सचिव डॉ० ए० के० मिश्र ने मुख्य अतिथि को अंग वस्त्र ओढ़ाकर उनका स्वागत किया. कार्यक्रम में स्वामी धर्मानंद सरस्वती जी के प्रवचन पर आधारित पुस्तक “पद्मपत्रमिवाम्भसा” का विमोचन तथा डॉ० अनुराग अग्रवाल एवं डॉ० के० के० वर्मा की पुस्तक “रूपांतरित बैंकिंग व्यवस्था के नए आयाम” का विमोचन भी किया गया.

विशिष्ट अतिथि शाहजहाँपुर जनपद के जिलाधिकारी श्री इंद्र विक्रम सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व में भारत की जो पहचान है वह भारतीय दर्शन और हमारी संस्कृति की है. यह परंपरा निश्चित रूप से अनवरत प्रवाहित होती रहनी चाहिए. उन्होंने छात्र-छात्राओं को विद्यार्जन के लिए पूरे मनोयोग से अध्ययन में लगने के लिए प्रेरित किया उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को चमक-दमक से दूर रहते हुए समय के अनुरूप ज्ञानार्जन करना चाहिए. अपने सपने देखो, जज्बा रखो, बढ़ते रहो, एक कविता के माध्यम से उन्होंने अपनी बात समाप्त की “अधूरी कामनाओं को, टूटी तमन्नाओं को, फेंको मत, संभाल कर रखो, हो सकता है बरसात में छत बनाने के काम आये ” छात्र-छात्राओं को सभी तकनीक को हासिल करते हुए अपने आपको समाज के अनुरूप तराशना चाहिए शिक्षा आपके मन में आपकी सोच को व्यवहारिक रूप में बदल कर एक उपयोगी विकल्प की तलाश प्रदान करने वाली होनी चाहिए सभी छात्र-छात्राओं को अपनी संस्कृति अपने दर्शन पर पूर्ण विश्वास रखना चाहिए. आज दुनिया में हमारी जो विशेष पहचान है वह हमारी अपनी संस्कृति हमारी अपनी सभ्यता के कारण है जिसे ग्रहण करते हुए हम सब को निरंतर प्रगतिशील रहना चाहिए. मुख्य अतिथि मुकुल सिंघल जी ने कहा कि नई पीढ़ी पर हम सब को पूर्ण विश्वास करना चाहिए उन्हें हर प्रकार की सुविधाएं देनी चाहिए विश्व परिदृश्य को ध्यान में रखकर तकनीक का पूर्ण सहयोग भी देना चाहिए हमें इस समाज में अपने आप को कैसे तराशना है यह जानना परम आवश्यक है शिक्षा आपके मन की सोच को बदल कर एक उपयोगी विकल्प की तलाश करने वाली होनी चाहिए संस्कृति और दर्शन पर पूर्ण विश्वास रखकर दुनिया में हम अपनी विशेष पहचान बना सकते हैं सभी विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति को ग्रहण कर उसका निरंतर हस्तांतरण भी करते रहना चाहिए आपके जीवन और प्रगति का आधार आपकी संस्कृति और संस्कार हैं जिन्हें आपको सदैव अपने साथ संजो कर रखना चाहिए.
कार्यक्रम अध्यक्ष स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती जी महाराज ने मुख्य अतिथि मुकुल सिंघल जी का आभार प्रकट किया Iउन्होंनें कहा कि सभी छात्र-छात्राओं को भाई-चारे के साथ रहना चाहिए विचार और संस्कार दोनों ग्रहण करके हम अपने जीवन के परम उद्देश्य को निश्चित रूप से पा सकते हैं हमारे संस्कारों से ही हमारी पहचान होती है जिस प्रकार से पर्यटन और तीर्थाटन में मूलभूत अंतर होता है उसी प्रकार से शिक्षा और संस्कार दोनों में मूलभूत अंतर होता है हमें आध्यात्मिक अवसरों को आत्मसात करते हुए निरंतर अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहना चाहिए.
प्रबंध समिति के सचिव डॉ० ए०के० मिश्र ने कार्यक्रम में पधारे मुख्य अतिथि श्री मुकुल सिंघल जी, विशिष्ट अतिथि इंद्र विक्रम सिंह तथा सभी अतिथियों का धन्यवाद प्रकट किया. प्राचार्य डॉ० अनुराग अग्रवाल के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में शाहजहांपुर जनपद के पुलिस अधीक्षक एस० आनंद, श्रीमती निवेदिता सिंघल, उपर-जिलाधिकारी (प्रशासन) रामसेवक द्विवेदी सुप्रसिद्ध कवि डॉ० इन्दु अजनबी, राम सागर यादव, नगर मजिस्ट्रेट देवेन्द्र प्रताप सिंह, गिरिजेश कुमार चौधरी अपर- जिलाधिकारी (वित्त), एस० डी० एम० कपिलदेव यादव, एड० मनेन्द्र सिंह, एड० ओम सिंह, अशोक अग्रवाल, रामचन्द्र सिंघल, सुरेश मित्तल, संजीव बंसल, डॉ० जे० एस० ओझा, डॉ० अमीर सिंह यादव, अनिल मालवीय आदि गणमान्य उपस्थित थे.


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By nit

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