फराज़ अंसारी, ब्यूरो चीफ, बहराइच (यूपी), NIT:
उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ बीजेपी सरकार बनते ही तमाम लाभकारी योजनाओं के साथ साथ उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने यूपी की सड़कों को लेकर एक बड़ा बयान जारी करते हुए कहा था कि जल्द ही यूपी की सड़कें गढ्ढा मुक्त होंगी। इस आदेश और बयान को सुनकर जनता ने राहत की सांस ली थी।आमजन को लगा था कि अब टूटी सड़कों व रास्ते की दुश्वारियों से छुटकारा मिलेगा व मार्ग दुर्घटनाओं में कमी आएगी। लेकिन आमजन की उम्मीद पर पानी फेरने में जिम्मेदार लगे हैं। अब बस जिधर भी नजर उठाकर देखो गढ्ढा मुक्त सड़क तो नहीं गढ्ढा युक्त सड़कें जरूर दिख जाती हैं।
बहराइच शहर के मुख्य बाजार सहित मोहल्लों में अमृत पेयजल योजना के तहत सड़के दिनों रात मजदूर लगवाकर खोदी तो गयी पाइपलाइन भी डाली गई पर उन खोदी पड़ी सड़कों को बस खानापूर्ति करते हुए मिठ्ठी डालकर चलते बने। इन सड़कों की खोदाई काफ़ी गहरी व पटाई सही न होने के कारण हर जगह सड़कें गढ्ढों में तब्दील हो रही हैं और स्थानीय लोगों के साथ साथ राहगीरों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। इन गढ्ढों के कारण आये दिन मार्ग दुर्घटनाएं होती रहती हैं और जिम्मेदार आँख बंद करके बैठे हैं. आमजन में बड़े बड़े गढ्ढे से होने वाली दुर्घटनाओं व रोड पर सिर्फ मिट्टी तो कही सिर्फ गिट्टी डालकर महीनों तक कोई कार्य न किये जाने से रो
ष व्याप्त है।
जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारियों से बचते नजर आ रहे हैं. वहीं कुछ मोहल्ले वासियों ने बताया कि जब गढ्ढा खोदने वाले लोगों से गढ्ढा पाटने व उखाड़ी गयी इंटरलॉकिंग के दोबारा लगाने की बात बोली गयी तो झट से जलनिगम के लोगों ने अपनी सफाई देते हुए खुदाई का कार्य अपना बताया और पटाई व इंटरलॉकिंग की मरम्मत का काम नगर पालिका प्रशासन पर थोपते हुए अपना पलड़ा झाड़ कर निकल गए।
आमजन में इस बात का डर बना है कि इन खुले गढ्ढो में नन्हे मुन्ने बच्चे न चोटहिल न हो जायें। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सम्बंधित विभाग किसी बड़ी दुर्घटना के इन्तिजार में है।
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