ऑटो चलाने की बात पर हुये विवाद में हत्या करने वाले आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई 10-10-वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड की सज़ा | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

ऑटो चलाने की बात पर हुये विवाद में हत्या करने वाले आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई 10-10-वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड की सज़ा | New India Times

अतिरिक्त‍ लोक अभियोजक श्री सुनील कुरील द्वारा अभियोजित प्रकरण में हत्या के आरोपीगण (1) सईद बेग पिता अफजल बेग उम्र 24, (2) अफजल बेग पिता हुसैन बेग उम्र 55 वर्ष को बुरहानपुर के अपर सत्र न्यायाधीश श्री आर.के. पाटीदार ने कारावास एवं अर्थदण्ड से दंडित किया।
अतिरिक्त लोक अभियोजक श्री सुनील कुरील ने बताया कि, आरोपीगण ने दिनांक 19-06-2017 को नज़ीर कॉलोनी,आज़ाद नगर बुरहानपुर में फरियादी के बेटे मजिद व ऑटो को देखकर चलाने को कहा तथा फरियादी के बेटे के साथ गाली गलोच करने लगा, फरियादी हनीफ ने गालिया देने से मना किया तो साजिद बेग ने फरियादी को पकड लिया तथा अफ़ज़ल बेग ने फरियादी को सिर पर सरिया मारा। शेख सईद जब बचाने आया तो फरियादी हनीफ को सईद बेग ने भी सिर में सरिया मारा, जिससे वह गंभीररूप से घायल हो गया था। फरियादी गंभीर रूप से घायल होने पर उसे इन्दौर एम.वाय.एच. में भर्ती किया गया था। ईलाज के दौरान फरियादी की मृत्यु हो गयी थी। फरियादी की रिपोर्ट पर थाना गणपतिनाका अंतर्गत धारा 302, 294, 323, 506/34 भादवि का पंजीबध्द कर प्रकरण विवचेना उपरांत अभियोग पत्र न्यानयालय में प्रस्तुत किया गया।
उक्त प्रकरण को एस.पी. महोदय, जिला दण्डाधिकारी महोदय एवं जिला अभियोजन अधिकारी कैलाशनाथ गौतम की समिति द्वारा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए चिन्हित प्रकरणो की सूची में लिया गया जिसके कारण अतिरक्ति लोक अभियोजक श्री सुनील कुरील द्वारा गवाहो पर नियंत्रण कर एवं पुलिस थाना गणपति नाका से सामंजस्य स्थापित कर तत्परता से गवाहो के न्यायालय में उपस्थित होते ही उनके कथन कराये, प्रकरण में साक्ष्य एवं अंतिम बहस के समय प्रभावशाली तथ्य एवं महत्वपूर्ण न्यायदृष्टांत प्रस्तुत किये।अतिरिक्त लोक अभियोजक श्री सुनील कुरील द्वारा पैरवी करने पर अपर सत्र न्यायाधीश,बुरहानपुर श्री आर.के.पाटीदार द्वारा आरोपीगण अफजल बेग, सईद बेग निवासी नज़ीर कॉलोनी, आज़ाद नगर, गणपतिनाका को दोषसिद्ध करते हुए अदालत ने धारा 304/34 भारतीय दण्ड संहिता मे 10-10 वर्ष सश्रम कारावास और 5000-5000/- रुपये के अर्थदंड और धारा 324/34 भारतीय दंड संहिता वर्ष 1-1 वर्ष सश्रम कारावास और 1000-1000/- रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।


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