कासिम खलील, बुलढाणा ( महाराष्ट्र ), NIT; बुलढाणा जिले में राशन का अनाज निर्धारित गोदामों तक पहुंचाने का ठेका अमरावती की श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट कंपनी को दिया गया था। एक ट्रक में लाद कर राशन के 350 कट्टे चावल के कालाबाजारी में ले जाते हुए पकड़े जाने के बाद चिखली थाने में ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक पन्नालाल गुप्ता सहित 4 लोगो पर अपराध दर्ज किया गया है। अब इस कंपनी का एक और कालाकारनाम “NIT” के हाथ लगा है। राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स (आरसीएफ) केंद्र शासित योजना के खाद की यातायात का अमरावती ज़िले का ठेका श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट कंपनी को मिला था। इस कंपनी ने अमरावती में 110 बोरे यूरिया खाद के चोरी किए थे। जांच में दोषी पाए जाने के बाद कंपनी का ठेका तो रद्द किया ही गया था साथ ही कंपनी के काम पर 1 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था। सरकारी सामग्री की चोरी में माहिर इसी कंपनी को बुलढाणा के आपूर्ति विभाग ने बिना किसी खोज-बीन के अनाज की यातायात का ठेका कैसे दे दिया, यह अचंबित करने वाली बात है।विगत 22 जुलाई को चिखली तहसील के ग्राम शेलूद के पास राशन के अनाज की यातायात करने वाले एक ट्रक को संशयित स्थिति में ग्रामीणों ने पकड़ा था, जिसमें 350 कट्टे चावल के मौजूद थे. यह अनाज सरकारी होने के बावजूद उसे कालाबाजारी में ले जाने का आरोप होने के बाद पुलिस ने ट्रक को पकड़ कर चिखली थाने में लगाते हुए पहले ट्रक चालक मालक पर अपराध दर्ज किया था. जांच में पता चलने के बाद श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक पन्नालाल गुप्ता को भी आरोपी बनाया गया. जांच आगे बढ़ने के बाद एफसीआई खामगांव गोदाम पर कार्यरत सरकारी कर्मी गोदामपाल गजानन चोपडे को भी आरोपी बनाया गया. फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है किन्तु ट्रक चालक को छोड़ कोई भी आरोपी अबतक पुलिस के हात नही लगा.श्रीनाथ ट्रांस्पोर्ट कंपनी पहले से ही चोरी माहिर है ये चौंकाने जानकारी सामने आई है. श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट कंपनी ने अमरावती जिले में राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फ़र्टिलाइज़र ईस केंद्र शासित संस्था का के खाद की यातायात का 28 अक्टूबर 2015 से 27 अप्रैल 2017 तक का ठेका लिया था, जिसमें कंपनी को बडनेरा के रैक पॉइंट से जिलेभर में खाद के बोरों को ट्रक में लाद कर पहुंचाने का काम अंजाम देना था. ख़ास बात तो यह कि श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट कंपनी ने यह काम अल्प दर में हासिल किया था.कम दाम में काम लेने का उद्देश् तो ट्रांसपोर्ट कंपनी को ही पता है. इस दौरान 11 दिसंबर 2015 को कंपनी पर आरोप लगा कि उसने 110 यूरिया के बोरों में गड़बडी की है.पहले तो ये मामला आरसीएफ के नवी मुंबई कार्यालय द्वारा दबाया गया किन्तु इस मामले की शिकायत केंद्र के विजिलेंस डिपार्टमेंट (दक्षता विभाग) से किये जाने के बाद उन्होंने ने जांच शुरू की. जांच में पता चला कि 110 बैग की हेराफेरी की गई है. अपनी इस हेराफेरी को छुपाने के लिए श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट कंपनी ने गोदाम में अन्य 110 बोरे यूरिया खाद के लाकर रख दिए ताकि अपना जुर्म छुप जाए किंतु विजिलेंस डिपार्टमेंट ने बोरो की बारीकी से जांच की तो पता चला कि बोरों के बैच नंबर मेल नहीं खा रहे है. अमरावती में खाद की यातायात का ठेका लेने के बाद आरसीएफ के गोदाम से 110 बैग की हेराफेरी करने वाली श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट कंपनी का ठेका तत्काल रद्द कर दिया गया था इतना ही नहीं इस कंपनी को आरसीएफ ने 1 साल के लिए काम पर प्रतिबंध भी लगा दिया है.
बुलढाणा जिले में भी श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट कंपनी के ट्रक को राशन का अनाज कालाबाजारी में ले जाते हुए पकड़ा गया है. जिससे यह बात सिद्ध होती है कि यह कंपनी सरकार की आंख में धूल झोंक कर अपना कर्तव्य निभा रही है.अमरावती और बुलढाणा में सरकारी माल में गड़बड़ी करते हुए श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट कंपनी को पकड़ा गया है.अमरावती में कार्रवाई की गई और अब बुलढाणा जिला प्रशासन क्या कदम उठाता है ये देखना होगा?
आँखे बंद कर दिया गया बुलढाणा का ठेका?
खामगांव स्थित एफसीआई के गोदाम से जिले की सभी तहसील के सरकारी अनाज के गोदामों तक राशन का माल पहुंचाने का ठेका 3 वर्षों के लिए श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट कंपनी, अमरावती को दिया गया है. कोई भी सरकारी ठेका देते वक्त प्रशासन की यह जिम्मेदारी होती है कि वे संबंधित कंपनी के बैकग्राउंड को जाँचे और उसके बाद ठेका दे. अमरावती में श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट कंपनी द्वारा आरसीएफ के 110 बोरे खाद की हेराफेरी किए जाने के बाद उस से काम छीन लिया गया था. प्रशासनिक स्तर पर इतनी बड़ी कार्रवाई होने के बाद भी बुलढाणा में आपूर्ति विभाग ने श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट कंपनी को ही काम दे दिया. बुलढाणा आपूर्ति विभाग ने इतनी लापरवाही क्यों बरती? क्या इस ठेके में कोई सांठगांठ की गई थी? ऐसे कई प्रश्न उपस्थित हो रहे हैं.यदि श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट कंपनी ने बुलढाणा में ठेका लेते समय प्रशासन से ये गंभीर जानकारी छुपाई है तो उसपर ज़रूरी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.