फराज अंसारी, बहराइच ( यूपी ), NIT; बहराइच जिला अस्पताल की अजीबोगरीब खबरें सामने आ रही हैं जिसे देखकर इंसानियत शर्मसार हो रही है। आरोप है कि जिला अस्पताल परिसर में ऐसे दलाल सक्रिय हैं जो मरीज के मरते ही सक्रिय हो जाते हैं।
जिला अस्पताल में खड़े इन वाहनों को ज़रा गौर से देखिये वैसे तो इसमें कुछ खास दिखाई देता लेकिन इन वाहनों के जरिये मरने वाले मरीजों के साथ दलाली का घिनौना खेल खेला जा रहा है। आरोप है कि बकायदा इसमें वाहनों के चालकों के इलावा स्वास्थ्य कर्मियों की मिली भगत रहती है। दलालों के साथ मिले स्वास्थ्य कर्मी गम्भीर मरीजों की एक एक सांस तक गिनते हैं, इधर दम टूटा उधर दलाली का खेल शुरू हो जाता है।मरीज के दम तोड़ते ही दलालों को फोन द्वारा सूचित किया जाता है और मरीज के तीमारदारों से कहा जाता है कि मृतक को ले जाने के लिए बाहर खड़ी प्राइवेट गाड़ियों के चालकों से सम्पर्क करें।अभी हाल में ही शाशन द्वारा दो (2) शव ले जाने वाली गाड़ियों की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है, ताकि मरीजों का आर्थिक शोषण न हो सके, लेकिन प्राइवेट वाहनों के चालकों व स्वास्थ्य कर्मियों की मिली भगत से शासन आदेशों की खुले आम धज्जियां उड़ाईजजा रही है। नियम व निर्देशों को ताक पर रखकर खुलेआम मृत व्यक्ति के परिजनों से दुगना तीनगुना पैसा वसूलने वाले इन दलालों व प्राइवेट वाहन चालकों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही होती है, जबकि ये चालक कई वर्षों से मरीजों के परिजनों के साथ यह घिनौना खेल खेलते आ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि अस्पताल प्रशासन के संज्ञान में ये मामला नहीं है, पर रूपये के चंद टुकड़ो के आगे अस्पताल कर्मी शासन की मंशा पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल में एम्बुलेन्स चालक के पद पर तैनात एक व्यक्ति की शह पर सारा खेल खेला जा रहा है और जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंद कर इस घिनौने खेल के समर्थन में लापरवाह बने हुये हैं। कोतवाली नगर के पुलिस कर्मी भी साल में एक बार दिखावे के लिए इन प्राइवेट गाड़ियों का चालान काट कर खाना पूर्ति कर देते हैं। लोगों का कहना है कि बहराइच प्रशासन द्वारा कठोर कार्यवाही इसलिए नहि हो रही क्योंकि नोटों के चंद टुकड़ों से सबका मुंह बंद कर दिया गया है।
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