पवन परूथी, ग्वालियर/भोपाल (मप्र), NIT:
प्रदेश में होने वाले आगामी नगरीय निकाय चुनावों में पार्षद पद के प्रत्याशी को नामांकन पत्र के साथ शपथ पत्र अनिवार्य रूप से देना होगा। इसमें उसे न सिर्फ अपनी शैक्षणिक योग्यता बतानी होगी बल्कि आपराधिक रिकॉर्ड का ब्योरा भी देना होगा। जिस नामांकन पत्र के साथ शपथ पत्र नहीं होगा, उसे निरस्त कर दिया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना जारी करके इस व्यवस्था को लागू कर दिया है। इससे साफ हो गया है कि नगरीय निकाय चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली होंगे यानी महापौर और अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों के माध्यम से होगा।
प्रदेश में कमल नाथ सरकार ने नगर पालिका विधि अधिनियम में संशोधन करके महापौर और अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता से न कराकर पार्षदों के माध्यम से कराने की व्यवस्था लागू की थी। विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने इसका विरोध किया था और सत्ता में आने पर अधिनियम में संशोधन की तैयारी भी कर ली थी लेकिन अभी तक संशोधन नहीं हो पाया है।
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