शासकीय माध्यमिक शाला रायखेड़ा शिक्षक विहीन होने से नहीं हो पाए शाला प्रबंधन समिति के चुनाव, शा.मा. शाला रायखेडा के शिक्षक जमना आठिया ने हाई कोर्ट की ली पुनः शरण, कोर्ट आफ कंटेंम्प की कार्यवाही के लिये लगाई याचिका | New India Times

त्रिवेंद्र जाट, देवरी/सागर (मप्र), NIT:

शासकीय माध्यमिक शाला रायखेड़ा शिक्षक विहीन होने से नहीं हो पाए शाला प्रबंधन समिति के चुनाव, शा.मा. शाला रायखेडा के शिक्षक जमना आठिया ने हाई कोर्ट की ली पुनः शरण, कोर्ट आफ कंटेंम्प की कार्यवाही के लिये लगाई याचिका | New India Times

देवरी विकासखंड में के राय खेड़ा माध्यमिक शाला मै शिक्षक विहीन होने के कारण आज शाला प्रबंधन समिति के चुनाव संपन्न नहीं हो सके वहां के लोगों ने वहां आपस में विवाद कर लिया तथा शिक्षकों के द्वारा चुनाव से दूरी बना ली गई जिससे ग्राम के जितेंद्र मिश्रा जी के द्वारा सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की गई की ग्राम में शाला प्रबंधन समिति के चुनाव नहीं करवाए गए प्रशासन के द्वारा जब शाला शिक्षक विहीन थी तो वहां शिक्षकों की व्यवस्था करके शाला प्रबंधन समिति के चुनाव करवाए जाने थे लेकिन ब्लॉक के अधिकारी और ना ही जिला शिक्षा अधिकारी ने इस ओर ध्यान दिया आज यह स्थिति बनी की आपस में लोग चुनाव ना होने से झगड़ने को तैयार हो गए इस संबंध में जब ग्राम के लोगो ने जिला शिक्षा अधिकारी से फोन लगाकर बात की तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया सागर जिला शिक्षा अधिकारी अजब सिंह ठाकुर से बार-बार फोन पर संपर्क किया जाता है लेकिन वह कभी बात नहीं करते है शासकीय माध्यमिक शाला रायखेड़ा के शिक्षक जमुना प्रसाद आठिया द्वारा स्थानांतरण हो जाने से कोर्ट में अपील की गई थी जिसमें उन्हें शासन से स्टे प्राप्त हुआ था लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी की हठधर्मिता से आज दिनांक तक उन्हें ज्वाइन नहीं करवाया गया तथा उन्हें जब जिला प्रशासन और ब्लॉक स्तर के विभागीय अधिकारी के यहां पर निवेदन करने के बाद भी कोई सही आश्वासन नहीं मिला तो उनके द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में कोर्ट आफ कंटेंप्ट की कार्यवाही आज दिन बुधवार को को की गई जमुना प्रसाद राठिया अपने वरिष्ठ अधिकारियों के इस प्रकार के व्यवहार से बहुत दुखी व मानसिक रूप से प्रताडित हैं व दलित शिक्षक है जिसके कारण परेशान किया जा रहा है व वर्तमान में दुर्घटना होने से पांव फैक्चर है इन्हीं कारणों से दुखी होकर उन्होंने माननीय उच्च न्यायालय की है पुनः शरण ली है और कोटा कंटेंम्प की कार्रवाई की है अब जब हाईकोर्ट के पुनः गुहार लगाई गई है तो कोर्ट की अवहेलना पर जिला शिक्षा अधिकारी व ब्लाक तथा संकुल स्तर के अधिकारी पर गाज गिर सकती है क्योकि कोर्ट सर्व मान्य होता है कोर्ट से बढकर कुछ भी नही है मगर जिला शिक्षा अधिकारी अपनी मनमर्जी चला रहे उनको कोर्ट का आदेश भी कोई मायने नही दे रहा है वो अपने शिक्षको को ही दोषपूर्ण भावना से प्रताडित करते नजर आ रहे है जानकारी मै आया है कि महोदय जी राजनीति की स्वयं बात कर के स्थानातरण की बात सिक्षको से करते नजर आ रहे है ये भूल चुके है कि जिस पद पर वैठे है वह कोई राजनैतिक पद नही है उस पद पर वैठकर एक समान नजर से देखना प्रमुख कर्तव्य है मगर ये तो राजनैतिक बात करते नजर आ रहे हें गजब बात तो यह हो गई कि ऐसा किस नेता का संरक्षण है कि दो पद पर एकलौते यही प्रभार मै है आखिर कौन मंत्री इनको संरक्षण दिये हुये है जो यह खुले आम दबंगता से कोर्ट के आदेश का भी उल्लघन कर रहे है और यह भूल रहे है महोदय जी कि नेतागिरि के चक्कर मै कोर्ट की कार्यवाही मै स्वंय न फस जाये नही तो नेता गिरि भी काम नही आयेगी इसलिये नेता न बनकर अपने कर्त्तव्यो का पालन ईमानदारी से कर एक समान नजर से सबको देखें.


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