त्रिवेंद्र जाट, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
सागर के जिला शिक्षा अधिकारी अजब सिंह का एक और गजब खेल देखने को मिला है. जहां देवरी के रायखेडा स्कूल के शासकीय माध्यमिक शाला के शिक्षक जमना आठया का स्थानांतरण चतुर्भटा कर मनमर्जी से कर दिया गया साथ ही नेताओं के कहने पर बच्चों के भविष्य का भूल कर संकुल से रिलीव भी करा दिया गया तथा बात तो गजब तब हो गई. जानकारी से पता चला है कि वहां एक मात्र यही बस स्कूल माध्यमिक शाला में शिक्षक पदस्थ थे तथा इन्हीं शिक्षक के पैर का फैक्चर हुआ था जिसका कुछ समय पूर्व जबलपुर में ऑपरेशन हुआ था, उनकी स्वास्थ रिपोर्ट अभी भी ठीक नहीं है व शिक्षक का स्थानातरण होने के बाद वह शासकीय माध्यमिक शाला शिक्षक विहीन हो गया. आज दिनांक तक शिक्षक न होने के कारण स्कूल में बच्चों को पढ़ाने वाला नहीं है, बच्चों के भविष्य से खिलवाड किया जा रहा है. जैसे तैसे शिक्षक जमना आठया ने हाईकोर्ट के दरवाजे अपनी गुहार लगाई तो वहां से करीब दो वर्ष का स्टे मिला और जहाँ रायखेडा में पदस्थ थे वहीं यथावत रखने का कोर्ट ने आदेश भी जारी किया मगर जब शिक्षक जिला शिक्षा अधिकारी सागर तथा संकुल प्राचार्य के पास गये तो दोनों ने मिलने से साफ मना कर दिया और यथावत रखने के लिये मना कर दिया. क्या ये लोग हाई कोर्ट से बढ़ कर हो गये जो सीधा उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लघन कर रहे हें और शिक्षक को दर दर भटका रहे हैं? वहीं सोशल मीडिया पर खबरें वायरल होने पर जिला शिक्षा अधिकारी इतने घबरा गये कि महोदय द्वारा पीआरओ सागर के फेसबुक पर गलत जानकारी डाल कर बताया गया कि वहां दो शिक्षक माध्यमिक शाला में पदस्थ हैं जिनमें अरबिंद शर्मा व मनीषा पांडेय हैं जबकि दोनों प्राथमिक शाला के शिक्षक हैं. वहीं खबर को ही झूठा बताया जबकि वहीं के शिक्षक अरविंद शर्मा का कहना है कि मैं प्राथमिक शाला में पदस्थ हूं व मेरे साथ एक मैडम हैं वो भी प्राथमिक शाला की हैं. माध्यमिक शाला में जमना आठया सर थे जिनका स्थानातंरण हो गया है, अब माध्यमिक शाला शिक्षक विहीन है वहां पर एक मात्र वही शिक्षक थे वही स्थानातंरण हुये हैं. शिक्षक जमना आठ्या का कहना है कि मेरा हाईकोर्ट ने दो वर्ष का स्टे दिया है तथा मुझे यथावत रायखेडा स्कूल में रखने का आदेश मिला है तथा मेरी तबियत अभी भी पूर्णतः ठीक नहीं है मगर जब संकुल प्राचार्य व डीईओ के पास गये तो मिलने से साफ मना कर दिया गया और यथावत रखने से मना किया तो मैंने डाक में आवेदन देकर पावती लेकर पुनः हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा कर आवेदन किया है कि मेरी सुनवाई वरिष्ठ अधिकारी नहीं कर रहे हैं जबकि कोर्ट ने आदेश भी दिया है. वहीं जिला शिक्षा अधिकारी अजब सिंह का कहना है कि मेरे यहां आवेदन आया है, कोर्ट का आदेश है तो पालन कर शिक्षक को यथावत रखा जायेगा, कोर्ट का आदेश सर्व मान्य है.
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