इम्तियाज़ चिश्ती, ब्यूरो चीफ, दमोह (मप्र), NIT:
दमोह जिला के बटियागढ़ थाना क्षेत्र से दिल दहला देने वाला वाक्या सामने आया है. फुटेरा वाई पास के पास दर्दनाक हादसा हुआ जहाँ एक इंडिका कार क्रमांक MP 04 KM 0001 से दो मोटरसाइकिल सवार लोगों को जो फुटेरा से बटियागढ़ जा रहे थे जोरदार टक्कर मार दी जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गये. मोटरसाइकिल सवार दोनों घायलों की पहचान सवार दीवान पिता तुलसी लोधी उम्र 38 वर्ष और अजीत पिता रफीक उम्र 13 वर्ष के रूप में हुई है। घायलों को स्थानीय लोगों की मदद से बटियागढ़ स्वास्थ्य केंद्र भेज गया जहाँ हालत को गंभीर देख जिला अस्पताल रिफर कर दिया गया। जिस एम्बुलेंस से दोनों घायलों को दमोह रिफर किया गया था वह एम्बुलेंस MP20 DA 0271 बटियागढ़ के पाठक की बताई जा रही है. घायलों को लेकर जब एम्बुलेंस दमोह जिला अस्पताल आ रही थी तभी रास्ते में गणेश पुरम के पास एम्बुलेंस जो गैस से चल रही थी उसकी गैस खत्म हो गई, बीच रास्ते में घायलों की हालत और गंभीर होती जा रही थी दोनों को जब इलाज की सख्त जरूरत थी तब तक डेढ़ घंटे एम्बुलेंस बीच सड़क पर गैस के इंतज़ार में खड़ी रही इस दौरान दोनों घायलों ने तड़प तड़प कर जान दे दी. यहाँ एम्बुलेंस की गैस खत्म हुई वहाँ दोनों की सांसें थम गई। एम्बुलेंस में इतनी भी गैस और पेट्रोल नहीं था कि दमोह से गणेश पुरम महज 3 किलोमीटर का सफ़र भी तय कर सके.
डेढ़ घण्टे बाद जब गैस नहीं पहुँची तब 13 वर्षीय अजीत मृतक की माँ भी यहाँ वहाँ फोन लगाती रही लेकिन ना गैस मिली और ना कोई दूसरी एम्बुलेंस आखिर में जब दोनों की मौत हो गई तब थक हारकर एम्बुलेंस चालक ने पुलिस 100 डायल को कॉल किया तब पुलिस वाहन मौके पर पहुंचा और दोनों के शवों को ले जाकर जिला अस्पताल छोड़ दिया. बाद में किसी तरह एम्बुलेंस जिला अस्पताल पहुँची.
इस सम्बंध में अस्पताल पुलिस चौकी प्रभारी ने बताया कि बटियागढ़ से एक्सीडेंट में हुए घायलों के शव को पुलिस हंड्रेड द्वारा जिला अस्पताल लाया गया तब तक मृतकों के परिजन भी अस्पताल पहुंच गए उन्होंने एम्बुलेंस संचालक जागेश्वर पाठक पर एम्बुलेंस में लापरवाही के आरोप लगाए, उनका कहना है कि अगर वक़्त पर एम्बुलेंस जिला अस्पताल पहुंचती तो मेरे परिजनों की जान बच सकती थी।
जबकि इतनी कंडम हालत थी एम्बुलेंस की के जब मीडियाकर्मियों ने एम्बुलेंस संचालक जागेश्वर पाठक से बात की तो उसने गैस ख़त्म होना कुबूल किया और बीच एम्बुलेंस लेकर भागने की कोशिश कर रहा था तब भी एम्बुलेंस स्टार्ट नहीं हुई इतनी कंडम पुरानी एम्बुलेंस मरीजो को लेकर दौड़ रही जो देखकर ही लगे कि मरीज की मौत संभव है लेकिन जिला प्रशासन की आँखों पर पट्टी बधि है जो कंडम एम्बुलेंस नजर नहीं आती और इन्हें परमिट कैसे जारी कर दिया जाता है।
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