स्वच्छ भारत अभियान का मजाक उडा रहा है वसई-विरार शहर मनपा, मामूली बारिश में ही सडकें व गलियां गटर-नालों में तब्दील | New India Times

Edited by Sabir Khan; 

सुहेल फ़ारूक़ी, वसई-विरार (महाराष्ट्र), NIT; ​स्वच्छ भारत अभियान का मजाक उडा रहा है वसई-विरार शहर मनपा, मामूली बारिश में ही सडकें व गलियां गटर-नालों में तब्दील | New India Timesमुंबई से लगा वसई-विरार शहर जो तेजी के साथ विकसित हो रहा है। जिसने जन गणना में पूरे एशिया में आबादी बढने में प्रथम स्थान प्राप्त किया था, उसका हाल आज बेहाल दिख रहा है। मनपा अधिकारी व नगर सेवक रिश्वत ले कर घर व गाले तो बनवा देते हैं लेकिन उन्हें मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं करवाते हैं। लगे हाथ वसई तहसीलदार आफिस के अधिकारी भी दंड के नाम वसूल करने चले आते हैं लेकिन किसी को यह फिक्र नहीं होती है कि जो आबादी यहां बस रही है वह इसी देश के गरीब नागरिक हैं। उन्हें भी मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है। हां मनपा चुनाव के दौरान उम्मीदवार और उनके पिछलग्गू गरीबों को खूब सुहाना ख्वाब दिखाते हैं और इलेक्शन होने के बाद गायब हो जाते हैं और बेचारे गरीब अपनी किस्मत को कोसते रह जाते हैं।​स्वच्छ भारत अभियान का मजाक उडा रहा है वसई-विरार शहर मनपा, मामूली बारिश में ही सडकें व गलियां गटर-नालों में तब्दील | New India Timesजी हां यह हाल है तीसरी मुंबई के नाम से बसे वसई-विरार शहर की। बारिश ने तो मनपा की पूरी पोल खोल कर रख दी है। मामूली बारिश में ही संतोष भुवन, बिलाल पाडा, श्रीराम नगर, धानीव बाग, वाकन पाडा, पेल्हार, नवजीवन, खैर पाडा, वालीव, भोइदा पाडा आदि क्षेत्रों में गंदा पानी बरसात के पानी में मिलकर सडकों और गलियों में बह रहा है। न तो पानी निकासी की सुचारू व्यस्था है और न नाले व गटर का। यहां तक कि सडकें व गलियां भी अक्सर जगहों पर अभी कच्ची हैं। जो सडक, गलियां व नाले पक्के बने भी हैं वह इतना घटिया सामग्री से बनाए गए हैं कि जगह जगह पर टूट चुके हैं। ​

स्वच्छ भारत अभियान का मजाक उडा रहा है वसई-विरार शहर मनपा, मामूली बारिश में ही सडकें व गलियां गटर-नालों में तब्दील | New India Timesबारिश का गटर का गंदा दुषित पानी लोगों के घरों में घुस रहा है। रहिवासियों व स्कूली बच्चों का बुरा हाल है। मामूली बारिश में ही घर से बाहर निकलना दूभर हो जाता है। आईएएस अधिकारी माननीय आयुक्त सतीश लोखन्डे जी आने पर लोगों को उम्मीद जगी थी कि शायद अब शहर का सही विकास होगा और हमें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी लेकिन यह ख्वाब भी अब चकनाचूर हो चुका है क्योंकि अब उनके ट्रांसफर का समय आ गया है लेकिन काम कुछ खास नहीं हो पाया है। उनके ही कार्यकाल में आज यह हाल है कि बारिश व गटर का गंदा पानी गली सडकों पर बह रहा है और लोगों के घरों में घुस रहा है।


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