सन 1998 में घर से लापता हुआ प्रहलाद सिंह राजपूत पाकिस्तान की जेल से छूट कर पहुंचा अपने गांव घोसी पट्टी, फूलमाला पहनाकर गांव में किया गया जोरदार स्वागत | New India Times

राकेश यादव, देवरी/सागर (मप्र), NIT:

सन 1998 में घर से लापता हुआ प्रहलाद सिंह राजपूत पाकिस्तान की जेल से छूट कर पहुंचा अपने गांव घोसी पट्टी, फूलमाला पहनाकर गांव में किया गया जोरदार स्वागत | New India Times

सागर जिले के गौरझामर थाना क्षेत्र के ग्राम घोसी पट्टी से सन 1998 में घर से लापता हुए प्रहलाद सिंह राजपूत जो पाकिस्तान की जेल में बंद थे अब उनकी रिहाई के बाद वह अपने घर गृह निवास ग्राम घोसी पट्टी पहुंच गए हैं।

हम आपको बता दें कि विगत 23 वर्षों से पाकिस्तान की जेल में बंद प्रहलाद सिंह राजपूत के पाकिस्तान की जेल में बंद होने की खबर लगने के बाद उनके परिवार एवं भारत सरकार के द्वारा उन्हें वापस लाने के प्रयास किए गए।
30 अगस्त को अमृतसर के अटारी बॉर्डर से सरकारी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद उनकी भारत वापसी हुई जिन्हें गौरझामर पुलिस एवं उनके परिवार के सदस्यों ने उन्हें अटारी बॉर्डर से रिसीव किया और 31 अगस्त दिन मंगलवार को पुलिस प्रशासन के द्वारा प्रहलाद सिंह को उनके परिवार से मिलाया गया।

सन 1998 में घर से लापता हुआ प्रहलाद सिंह राजपूत पाकिस्तान की जेल से छूट कर पहुंचा अपने गांव घोसी पट्टी, फूलमाला पहनाकर गांव में किया गया जोरदार स्वागत | New India Times

प्रहलाद सिंह के आते ही ग्राम घोसी पट्टी तिगड्डा पर उनके परिवार एवं ग्रामवासियों ने उनका जोरदार स्वागत करते हुए डीजे पर देशभक्ति के गीतों की गूंज और फूल मालाएं पहनाकर रंगलाल उड़ा कर उनका स्वागत किया। प्रहलाद की घर वापसी होने पर परिवार के सदस्यों सहित पूरे ग्राम में जश्न का माहौल देखा गया। वहीं परिवार के लोगों के द्वारा ग्राम वासियों को मिठाई भी बांटी गई। प्रहलाद सिंह दिमाग से मानसिक विक्षिप्त है और आज भी वह वैसी ही स्थिति में अपने घर पहुंचा है। इस अवसर पर ग्राम वासियों के साथ प्रहलाद सिंह भी डीजे की धुन पर नाचते नजर आए. प्रहलाद सिंह के घर पर पहुंचते ही उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई और प्रहलाद सिंह से बातचीत करते हुए लोगों के द्वारा उनके हालचाल जानने के प्रयास किए गए लेकिन मानसिक रूप से विक्षिप्त प्रहलाद कम शब्दों में ही जवाब देते नजर आए और ज्यादा कुछ बता पाने में अक्षम नजर आए। इसी दौरान सबसे बड़ी बात यह देखने को मिली की जब परिवार के द्वारा उन्हें घर ले जाया जा रहा था तब वह अपने घर से वापस भागने के प्रयास करने लगे तो परिवार के सदस्यों द्वारा उन्हें समझाइश देकर बाइक पर बिठाकर घर ले जाया गया। तीन दशकों बाद अब प्रहलाद सिंह राजपूत परिवार के साथ घर में हैं। उनकी वापसी पर उनके भाई वीर सिंह और परिवार के तमाम लोगों के द्वारा भारत सरकार और सागर पुलिस अधीक्षक अतुल सिंह एवं गौरझामर थाना प्रभारी अरविन्द ठाकुर का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया है.


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