मध्यप्रदेश में निरंतर माॅबलिंचिंग की घटनाओं की पुनरावृत्ति होना राज्य एवं पुलिस प्रशासन की छवि के लिए नहीं है अच्छा संकेत: विधायक आरिफ मसूद | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज़ खान, भोपाल (मप्र), NIT:

मध्यप्रदेश में निरंतर माॅबलिंचिंग की घटनाओं की पुनरावृत्ति होना राज्य एवं पुलिस प्रशासन की छवि के लिए नहीं है अच्छा संकेत: विधायक आरिफ मसूद | New India Times

पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल बनता जा रहा है. लोग बेखौफ होकर कानून हाथ में ले रहे हैं, कानून का कोई डर नज़र नहीं आ रहा है, जगह जगह लिंचिंग की जा रही है।ऐसे में विधायक आरिफ मसूद आज माॅबलिंचिंग के पीड़ितों के साथ काले कपड़े पहन कर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लेकर गांधी प्रतिमा के समक्ष धरने पर बैठ कर विरोध प्रदर्शन किया। आप को बता दूँ कि भरी
बरसात में प्रदर्शन कारियों का जोश देखते ही बन रहा था। माॅबलिंचिंग रोकने के लिए सरकार के विरूद्ध ज़ोरदार नारेबाज़ी कर रहे थे।

विधायक आरिफ मसूद ने इस मौके पर राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर माॅबलिंचिंग करने वालों पर एनएसए और इन घटनाओं की सीबीआई जांच कराने की मांग करते हुए प्रदेश में इस प्रकार की घटनाओें पर रोक लगाने की मांग की है। विधायक आरिफ मसूद का कहना है कि भाजपा की जिन-जिन ज़िलों में जन आशिर्वाद यात्राएं निकलीं उन जिलों में माॅबलिंचिंग की घटनाएं बढ़ी हैं, इससे प्रतीत होता है कि भाजपा नफरत की राजनीति करके बढ़ती महंगाई, कोरोना में जनता को सही इलाज, ऑक्सीजन, वैंटिलेटर नहीं दे पाई इन सब नाकामियों को छुपाने के लिए मंत्रियों के गैर ज़िम्मेदाराना बयानों से अपराधियों के हौसले बुलंद हो रही है जिससे अपराधियों के दिल से पुलिस प्रशासन का भय कम हो रहा है।

दिनांक 28/08/2021 को नीमच के सिंगोली थाना क्षेत्र में एक आदिवासी युवक कन्हैया भील को वाहन से बांधकर बेरहमी से घसीट कर उसकी हत्या कर दी जाती है। दिनांक 26/08/2021 को देवास जिले के हाटपिपल्या में एक फेरी वाला जो फेरी कर तोस और जीरा बेचने का कार्य करता है से उसका आधार कार्ड मांगा गया, आधार कार्ड ना दिखाने पर उसके साथ कुछ व्यक्तियों द्वारा मारपीट की गई। क्या अब मध्यप्रदेश में व्यापारियों, फेरी वालों को अपना आधार कार्ड दिखा कर ही व्यापार करना होगा? निश्चित ही मध्यप्रदेश राज्य में ऐसी परम्परा कभी नहीं रही. आगे कहा कि इससे पूर्व इंदौर में एक चूड़ी बेचने वाले युवक के साथ भी इसी प्रकार मारपीट की घटना को अंजाम देने वालों के विरूद्ध यदि शासन समय रहते कड़ी कार्यवाही कर देता और शासन के मंत्री सोशल मीडिया के माध्यम से मारपीट करने वालों का हौसला नहीं बढ़ाते तो शायद नेमावर में दलित परिवार की हत्या, इंदौर में चूड़ी वाले से मारपीट, नीमच में आदिवासी की हत्या, उज्जैन एवं रीवा में माॅबलिंचिग जैसी घटना घटित नहीं होतीं।

विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि जिस समय शासन के मंत्री व प्रवक्ताओं को आगे बढ़कर प्रदेश की जनता को आश्वस्त करना चाहिए था कि मध्यप्रदेश में साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी ना कि घटना में शामिल आरोपियों का पक्ष लेना चाहिए था। इतने कम समय में मध्यप्रदेश में निरंतर माॅबलिंचिंग की घटनाओं की पुनरावृत्ति होना राज्य एवं पुलिस प्रशासन की छवि के लिए अच्छा संकेत नहीं है

माॅबलिंचिंग से पीड़ित देवास हाटपिपल्या से ज़ाहिद मंसूरी, रशीद भाई पीड़ित, क़ाज़ी-ए-शहर मसूद सा. महिदपुर उज्जैन, देवास से मौलाना शोऐब नदवी आदि धरने पर उपस्थित हुए।


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