वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ ने देववाणी संस्कृत को व्यावहारिक रूप प्रदान करने के लिए आनलाइन प्रथम स्तरीय संस्कृत भाषा शिक्षण कक्षाओं का सामुहिक उद्घाटन हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष डॉ वाचस्पति मिश्र ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज हम आनलाइन माध्यम से स्वल्प समय में ही संस्कृत बोलना सीख सकते हैं, सभी को आत्मविश्वास हेतु संस्कृत अवश्य पढ़नी चाहिए। अपने नौनिहालों को संस्कारित करना चाहिए जिसके लिए विविध अवसर हमें सहज प्राप्त हैं जिनका लाभ लेकर हम समाज को संस्कारित कर सकते हैं। प्रशिक्षण प्रमुख सुधीष्ठ मिश्र ने बताया कि आगामी समय ज्ञानारित होगा जिसमें संस्कृत की विशिष्ट भूमिका रहेगी। प्रशिक्षण समन्वयक धीरज मैठाणी ने योजना तथा कक्षा संचालन के विषय में जानकारी दी। संयोजक डाॅ. रत्नेश्वर मणि त्रिपाठी ने बताया कि इस अगस्त मास में द्वितीय चरण के अन्तर्गत संस्थान द्वारा उत्तर प्रदेश सहित देश के सभी राज्यों के 5329 पंजीकृत छात्रों को 36 शिक्षकों के माध्यम से 44 कक्षाओं में गूगल मीट के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है। गौरतबल है कि प्रथम चरण में 8533 के पंजीकृत छात्रों ने 47 कक्षाओं 41 प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया। सत्र संचालन प्रशिक्षिका सविता मौर्य ने किया तथा कक्षा के संस्कृत के भाषायी महत्व को बताकर प्रारम्भ में प्रतिभागियों ने परस्पर परिचय, वस्तुओं के नाम क्रियापद एवं विभक्तियों का ज्ञान प्राप्त कर बोलने का अभ्यास करवाया। इस अवसर पर संस्थान के अधिकारी डॉ. दिनेश मिश्र, डॉ. चन्द्रकला शाक्या सहित शान्ति मीना, ज्योति, श्रीकांत, योगेश इत्यादि प्रशिक्षक तथा प्रतिभागी समुपस्थित रहे। इस प्रशिक्षण में लखीमपुर से 3 प्रशिक्षिकाएं शांति, मीना, और सविता मौर्य प्रशिक्षण दे रही हैं।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.