आसिम खान, ब्यूरो चीफ, छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:
राजीव कांग्रेस भवन से सांसद श्री नकुलनाथ एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी के काफिले के आगे रैली चली। जगह-जगह उनका स्वागत किया गया। शहर की हृदय स्थली छोटी बाजार में भव्य आतिशबाजी और फूलों की वर्षा कर भव्य स्वागत किया गया। छोटी बाजार में बड़ी माता मंदिर समिति ने सांसद श्री नकुलनाथ एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ का सम्मान किया। सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री को पगड़ी पहनाई गई, जिसके बाद उन्होंने ध्वजारोहण किया।
छोटी बाजार में मंच से पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने मौजूद भारी जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा हमारे सभी जिलेवासियों, प्रदेशवासियों, भाइयों, बहनों और प्यारे बच्चों स्वतंत्रता दिवस की आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। जिस धरती पर हम आज खड़े हैं, ये धरती आज आजाद धरती है। 75 साल पूर्व आजाद भारत का जन्म हुआ था। हमारे पूर्व जनप्रतिनिधियों के बलिदान से, संघर्ष से कुर्बानी से हमें ये सफलता मिली। आज हम उन्हें याद करते हैं। बहुत सारे हमारे जनप्रतिनिधि हमारे नेता महात्मा गांधी जी से लेकर पंडित जवहारलाल नेहरू जी किन-किन का मैं नाम लूं। इन्हीं के संघर्ष से हम आज आजाद भारत में खड़े हैं। श्री नाथ ने कहा बाबा साहब अम्बेड़कर के सामने चुनौती थी ऐसा संविधान बनाने की जिसमें सभी धर्म, जाति और वर्ग को न्याय का अधिकार हो। लेकिन बड़े दुख की बात है कि जो हमारे जनप्रतिनिधियों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का विरोध करते थे, आजादी के संघर्ष में उनका कोई योगदान नहीं रहा। वे अब हमें राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ा रहे हैं। मैं तो उनसे पूछता हूं कि क्या उनके यहां कोई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हुआ है, क्या वे किसी एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का नाम बता सकते हैं। कोई फोटो उनकी है या फिर स्वतंत्रता संग्राम में संघर्ष किया है। कोई जवाब उनके पास नहीं है। आज वे उस पार्टी और देश को पाठ पढ़ाएंगे। उस देश को गुमराह करेंगे, आप पहले कर सकते थे, लेकिन आज सभी समझदार है सभी को ज्ञान है। आजादी के बाद हमारे पहले प्रधानमंत्री जवहारलाल नेहरू जी के सामने कई बड़ी चुनौतियां थीं। न्याय, जमीन, सामाजिक न्याय और भी कई बड़ी चुनौतियां थीं, पर सबसे बड़ी चुनौती थी अपने देश को एक झण्डे के नीचे कैसे रखें अभी हमने झण्डा वंदन किया पूरे देश के लोग आए। हमारा मणिपुर, केरल, कश्मीर सभी जगह झण्डा वंदन हुआ है और पूरा देश एक झण्डे के नीचे खड़ा है। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि इस देश में कितनी विविधता है विभिन्नता है, कितनी अनेकता है, इसे हम कैसे एक झण्डे के नीचे खड़ा करें। जहां इतनी जातियां, भाषाएं, जहां इतने रस्म है। ऐसा कोई देश पूरे विश्व में नहीं है। और आज जब हम आजाद भारत की बात करते हैं तो हमें यह नहीं भूलना है कि विश्व जब अपने देश की ओर देखता है तो वह ताज्जुब की नजर से नहीं सम्मान की नजर से देखता है। एक ऐसा देश जहां विभिन्नता इतनी हैं, हमारे देवी देवता इतने हैं। जिसने दूसरे धर्म को जन्म दिया है, ऐसा कोई देश है, यह अपना देश है और इसी का हमें गर्व है, कि हम उस देश के वासी है। ये हमें कभी नहीं भूलना चाहिए कि हमारे देश में इतनी विभिन्नता है कि हम दक्षिण की ओर जाते हैं तो हमारी धोती और पैजामा भी लुंगी बन जाती है। दक्षिण में पोंगल मनाते हैं हम दीपावली मानते हैं और यही भारत की महानता है। आज हम एक झण्डे के नीचे खड़े हैं, ऐसा इसीलिए क्योंकि हमारे देश की संस्कृति जोडऩे की संस्कृति है। हम हर समाज को जोड़ते हैं, हर धर्म को जोड़कर रखते हैं। दिलों को जोड़कर रखते हैं, क्योंकि हमारी संस्कृति ही जोडऩे की है।
सिर्फ सच्चाई का साथ देना: श्री कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी ने कहा हमारे देश में 75 वर्ष पहले क्या था, हम धीरे-धीरे आगे बढ़े। हमारे सामने चुनौतियां थी, देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की और भी कई चुनौतियां थी, जिन्हें जमीनी स्तर पर जाकर सुलझाया गया। आज देश में क्या चल रहा है। आज देश में बड़े-बड़े भाषणों का दौर चल रहा है, युवा पीढ़ी को रोजगार मिलेगा। दो करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा। सब के खाते में 15 लाख रुपए आएंगे। यह भाषण देने से कुछ नहीं होगा, क्योंकि युवा बेरोजगार घूम रहे है। मैं आपसे कहता हूं कि आप कांग्रेस का साथ मत दीजिए, कमलनाथ का साथ भी मत दीजिए, केवल सच्चाई का साथ जरूर दीजिए।
कांग्रेस भवन में किया ध्वजारोहण
कांग्रेस संगठन में प्रदेश स्तर का प्रभार संभालने के बाद पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ ने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार राजीव कांग्रेस भवन पहुंचकर ध्वजारोहण किया।
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