मुबारक अली, ब्यूरो चीफ, शाहजहांपुर (यूपी), NIT:
शाहजहांपुर यूपी में प्रथम बार माँ बनने वाली सभी महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत मिलने वाले लाभ के लिए लाभार्थी का अपनी बैंक शाखा में अपने खाता की केवाईसी होना जरूरी है। केवाईसी अपडेट होने पर ही लाभार्थी को किसी योजना का लाभ मिल सकेगा। यह जानकारी अपर मुख्य चिकित्साधिकारी ने दी है.
डॉ. रोहतास अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएच/नोडल अधिकारी प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना ने बताया पिछले दिनों कुछ राष्ट्रीय कृत बैंकों का विलय हुआ है जिस कारण बैंकों के आईएफएससी कोड बदल गए है इस वजह से बहुत से लाभार्थियों को भुगतान संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन सभी लाभार्थियों से मेरा कहना है कि वह अपनी बैंक में जाकर अपने केवाईसी करा ले और नए आईएफएससी की जानकारी स्वास्थ्य विभाग में दर्ज करा दें ताकि उनका शीघ्र भुगतान किया जा सके। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा बैंकिंग विभाग से समन्वय मीटिंग की जा चुकी हैं. इस योजना के तहत 31 अगस्त तक 74 हजार 621 लाभर्थियों को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य तय किया गया है जिसके सापेक्ष्य 72 हजार 135 लाभार्थियों का पंजीकरण किया जा चुका है जोकि 97 % है विभाग द्वारा किये गए इन प्रयासों का परिणाम भी सकारात्मक रहा जिसके कारण मंडल में हमारे जनपद को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।
उन्होंने बताया कि पहली बार गर्भवती होने वाली महिला को तीन किश्तों में ₹5000 की धनराशि दी जाती है चाहे प्रसव सरकारी या निजी अस्पताल में कराया हो पंजीकरण के लिए माता-पिता का आधार कार्ड मां की बैंक पासबुक की फोटो कॉपी जरूरी है. मां का बैंक अकाउंट ज्वाइंट नहीं होना चाहिए। निजी अकाउंट ही मान्य होगा। यदि बच्चे का जन्म हो चुका है तो मां और बच्चे दोनों के टीकाकरण का प्रमाणिक पर्चा होना जरूरी है. उन्होंने बताया कि पंजीकरण करने के साथ ही गर्भवती को प्रथम क़िस्त के रूप में ₹1000 दिए जाते हैं प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर दूसरी किस्त के रूप में ₹2000 और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर तीसरी किस्त के रूप में ₹2000 दिए जाते हैं यह सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में ही किये जाते हैं।
उन्होंने लाभार्थी को फर्जी फोन कॉल से सतर्क रहने की अपील की है कुछ जालसाज योजना के नाम पर फोन कर लाभार्थियों के बैंक अकाउंट संबंधित जानकारी लेकर उनके साथ आर्थिक धोखाधड़ी करने का प्रयास करते हैं. उन्होंने बताया योजना का कोई भी प्रतिनिधि लाभार्थी से ओटीपी नहीं पूछता है और ना ही संवेदनशील सूचनाएं मांगता है यदि ऐसा होता है तो वह पीएमएमआई प्रतिनिधि नहीं है उसे कोई सूचना न दें. उनके फोन पर किसी को भी केवाईसी के लिए अपनी बैंक का ब्योरा ना दें राज्य स्तर पर हेल्पलाइन नंबर 7998799804 जारी किया गया है। इस हेल्पलाइन नंबर पर लाभार्थी स्वयं ही कॉल कर के योजना के बारे में संबंधी तथा भुगतान न होने पर आ रही समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
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