अबरार अहमद खान, भोपाल, NIT; मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह सरकार द्वारा 1 जुलाई से सभी 51 जिला कलेक्टरों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार दे दिया है। इस काले कानून के विरोध में आज आम आदमी पार्टी ने प्रदेश संयोजक श्री आलोक अग्रवाल के नेतृत्व में बोर्ड ऑफिस चौराहे पर अपने आप को बेड़ियों में बांधकर यह प्रदर्शित किया कि इस कानून के लगने के बाद प्रदेश की 8 करोड़ जनता को इसी प्रकार से बेड़ियों से बांध दिया गया है।
आम आदमी पार्टी मप्र द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार प्रदेश संयोजक श्री अग्रवाल ने कहा शिवराज सिंह चौहान ने किसानों, व्यापारियों व् आम जनता की आवाज को कुचलने के लिए लोकतंत्र की हत्या करते हुए प्रदेश में आपातकाल की स्थिति पैदा कर दी है। आम आदमी पार्टी मांग करती है की तत्काल इस आदेश को वापस लिया जाए।
- क्या है सरकार का आदेश?
शिवराज सिंह सरकार ने मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्र. 276, दिनांक 19 जून 2017 के द्वारा प्रदेश के सभी जिला दंडाधिकारियों को रासुका की धारा 3(3) के तहत दिनांक 1 जुलाई से 30 सितम्बर के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के धारा 3(2) के तहत किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार दे दिया है।
क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा कानून?
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून(अधिनियम) 1980 की निम्न धाराओं से लोकतान्त्रिक अधिकारों की पूर्ण हत्या हो जाती है:-
- धारा 5(क)(क) : कोई भी कलेक्टर किसी भी व्यक्ति को बिना किसी आदेश, अस्पष्ट आदेश, असंगत आदेश या ऐसा आदेश जिसका उस व्यक्ति से कोई निकटतम सम्बन्ध नहीं है या किसी भी कारण के आदेश से गिरफ्तार कर सकता है।
- धारा 5(क) व् (ख): गिरफ्तार व्यक्ति को प्रदेश में किसी भी स्थान पर रखा जा सकता है या प्रदेश के बाहर अन्य किसी राज्य में कहीं भी रखा जा सकता है।
- धारा 6 : किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने वाले जिले के अधिकारी की सीमाओं के बाहर या राज्य सरकार की सीमाओं के बाहर गिरफ्तार किया जा सकता है।
- धारा 8(1) : किसी भी गिरफ्तार किये गए व्यक्ति को सामान्यतः 5 दिन व् अपवाद स्वरुप 15 दिन तक उसकी गिरफ्तारी का कारण बताना जरुरी नहीं है।
- धारा 8(2) : यदि सरकार चाहे तो सार्वजनिक हित बताकर गिरफ्तार किये गए व्यक्ति को गिरफ़्तारी का कारण बताने से इनकार कर सकती है।
रासुका लगाने के क्या परिणाम होंगे?
मध्यप्रदेश में 5 किसान रोज आत्महत्या कर रहें हैं जिस कारण किसान अपने दर्द की आवाज को उठा रहा हैं। प्रदेश का व्यापारी अनेक शंकाओं से भरा है। इन किसान- व्यापारी और आम जनता की आवाज को कुचलने के लिए इस कानून का भरपूर दुरुपयोग किया जायेगा। रासुका लगाना लोकतंत्र की हत्या करने के समान है। आपातकाल की 42वीं वर्षगांठ पर शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश में अघोषित आपातकाल लगा दिया है।
आम आदमी पार्टी नहीं होने देगी लोकतंत्र की हत्या
आज के शिवराज सिंह चौहान के इस आदेश के खिलफ प्रदर्शन के दौरान आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक श्री आलोक अग्रवाल ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा लगातार लोगों के लोकतान्त्रिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। पिछले दिनों मंदसौर में 6 किसानों की सामने से गोलियां चलाकर हत्या कर दी गयी। इसी क्रम में रासुका लगाकर किसान- व्यापारी या किसी भी सामान्य व्यक्ति की आवाज को कुचला जायेगा। आम आदमी पार्टी घोषणा करती है कि वह इस काले कानून को मध्यप्रदेश में लगाने नहीं देगी। यदि यह आदेश वापस नहीं लिया तो प्रदेश संयोजक श्री आलोक अग्रवाल 29 जून को 24 घंटे का चेतावनी अनशन करेंगे। यदि उसके बाद भी ये आदेश वापस नहीं लिया गया तो प्रदेश व्यापी आन्दोलन किया जायेगा।
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