Edited by Maqsood Ali; मुंबई, NIT;
महाराष्ट्र में कर्ज माफी के एलान के बाद से किसानों में जमा हुआ गुस्सा अब बाहर आ रहा है। फडणवीस सरकार द्वारा शनिवार को घोषित की गई कर्ज माफी में ईमानदारी से कर्ज अदा करने वाले किसानों के लिए बोनस घोषित किया है। इससे किसान नाराज बताए जा रहे हैं।
नाराज किसानों का एक गुट सोमवार को शरद पवार से मिला। यह किसान अहमदनगर जिले के उसी पुणतांबा तहसील से मुंबई पहुंचे जहां से किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी। कर्ज माफी पर अमल को लेकर इन किसानों में चिंता बढ़ रही है। नियमित रूप से कर्ज चुकाने वाले किसान अपनी शिकायत को लेकर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से मिलने पहुंचे। वे कर्ज माफी की शर्त बदलवाना चाहते हैं।
राज्य सरकार कह चुकी है कि, कर्ज के बोझ तले दबे किसानों को डेढ़ लाख रुपये तक माफी मिलेगी, जबकि ईमानदारी से कर्ज़ चुकाने वाले किसानों को 25 हजार रुपये या उनके कर्ज़ के 25 फीसदी रकम में से जो कम है वह बोनस दिया जाएगा।
शरद पवार से मिलने पहुंचे किसानों के समूह में शामिल अभय चव्हाण ने मीडिया को बताया कि इससे ईमानदार किसानों में यह भावना उत्पन्न हुई है कि उनके साथ नाइंसाफी हुई है। हमने तीन लाख तक का कर्ज़ चुकाया है, उसमें हमें बोनस मिलेगा 25 हजार, जबकि दूसरों का डेढ़ लाख तक का नहीं चुकाया गया कर्ज माफ होने वाला है। ऐसे में हमारी मांग है कि बोनस राशि 50 हजार से डेढ़ लाख तक की जाए।
किसानों का यह तेवर भांपकर विपक्ष ने अब कर्ज माफी की शर्तों का विरोध करना शुरू किया है। शुरुआती स्वागत के बाद एनसीपी ने अचानक अपनी भूमिका बदल दी है। एनसीपी को यह कर्ज माफी अब नाकाफी लग रही है। वह इसका दायरा बढ़ाने के पक्ष में है।आश्चर्यजनक रूप से सत्ताधारी शिवसेना में भी यही रुख अपनाने का आग्रह दिख रहा है। जबकि कांग्रेस कह रही है कि चुनिंदा किसानों का नहीं सभी किसानों का सारा कर्ज माफ करना होगा।
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा है कि सरकार आंकड़ों के खेल में किसान को उलझाने की कोशिश कर रही है और हम यह होने नहीं देंगे।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.