रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, बांसवाड़ा (राजस्थान), NIT:
बांसवाड़ा राजस्थान में अंग्रेजी एडिशनल डिग्रीधारी अभ्यर्थियों ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.
गुरमीत चरपोटा ने बताया की 2021 में एडिशनल अंग्रेजी विषय को शामिल करने व सरकार द्वारा एसएलपी दायर कर अभ्यर्थियों को राहत देने की मांग की साथ ही उच्च न्यायालय द्वारा फैसला अंग्रेजी एडिशनल के खिलाफ आने पर सरकार सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर कार्यरत अभ्यर्थी व रीट 2021 में अभ्यर्थियों को राहत प्रदान करने की मांग की गई.
मुख्य मांगें
- भर्ती के नियमों का निर्धारण राजस्थान सरकार ही करती है और सरकार के नियम मे एडिशनल डिग्री धारी को ही मान्य मना है.
- राज्य सरकार के सभी विश्वविध्यालय एवं महाविद्यालय में एडिशनल करवाई जाती हैं फिर यह अमान्य कैसे हो जाती है महोदय यह (3+1) अंग्रेजी एडिशनल जो स्नातक होने के बाद एक वर्ष की अतिरिक्त विषय जोड़ने के लिए किया जाता है.
- एडिशनल के आधार पर द्वितीय श्रेणी अध्यापकों की नियुक्ति राजस्थान सरकार ने की है.
- एडिशनल के आधार पर तृतीय श्रेणी से द्वितीय श्रेणी अध्यापकों की पदोन्नति राजस्थान सरकार वर्षों से कर रही है.
- श्रीमान निर्देशक महोदय प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर द्वारा गठित समकक्ष निर्धारित समिति ने एडिशनल को मान्य डिग्री मना है।
- राजस्थान के विश्वविद्यालय यूजीसी तथा राजस्थान सरकार के मार्गदर्शन में हमने एडिशनल की डिग्री पास की है जो की हम मान्य है। एडिशनल अंग्रेजी विषय के नियुक्त हजारों तृतीय श्रेणी अध्यापकों एवं रीट 2021 एडिशनल अंग्रेजी विषय के अभ्यर्थियों के साथ न्याय करते हुए माननीय उच्च न्यायालय के डीपी के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में सरकार एसएलपी दायर कर हजारों अभ्यर्थियों के साथ न्याय सुनिश्चित करने की मांग की।
इस अवसर पर राजकुमार हुवोर, रोशन खांट, राजू कुमार डिंडोर, पुष्पेंद्र, जितेंद्र मालीवाड, अनिल अहारी, अरविंद हेमारी, सुरेश वडेरा, लक्ष्मण कटारा, महेंद्र, सुरेश डामोर, ईश्वर खांट, दिनेश बामनिया, गुरमीत चरपोटा, राजेश मछार, सुभाष पटेल, रमेश, महेश पारगी, रमन भाभोर, मुकेश, दिनेश चरपोटा, अर्जुन मईडा, राहुल कटारा जगजीवन कतीजा आदि युवा उपस्थित थे.
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