पीयूष मिश्रा, सिवनी ( मप्र ), NIT; छपारा नगर के बस स्टैंड स्थिति बैनगंगा शॉपिंग कॉम्पलेक्स जो कि पूर्व में भी विवादों में रहा है और वर्तमान समय में इसी कॉम्पलेक्स में स्थित कमरा नंबर 33 वर्तमान सरपंच सचिव की मनमानी पूर्ण रवैया के चलते सुर्खियों में है। बताया जाता है कि पूरा मामला जनपद पंचायत के मुख्यालय छपारा की ग्राम पंचायत का है, जिसमें जनपद व ग्राम पंचायत के अधिकारीयों की मिलीभगत का है। मामला छपारा के मुख्यस्थल बस स्टैण्ड मे बने शॉपिंग काम्पलेक्स का है जो कि निर्माण से पहले यू आकार का नक्शा दिखाकर निविदा भरवाकर नक्शे को एल आकार में बना दिया गया। 2010 में जिन व्यापारियों ने निविदा भरी उनमें से दो चार व्यापारी को छोड़कर सभी ने अपनी अपनी स्वीकृत नम्बर की दुकान सजा ली, पर एल आकार के नक्शे के हिसाब से 27 नम्बर को चतुरभुज की जगह त्रिभूजाकार बनाकर व्यापारी सुरेश विश्वकर्मा के साथ अन्याय किया गया। तब विश्वकर्मा द्वारा निर्माण सम्बन्धित समिती व तहसील दार से निवेदन किया गया कि 27 नम्बर कमरा न्याय संगत नहीं है। कमरे की स्थिती को देखकर पूर्व तहसीलदार और समिती के अनुमोदन से रिक्त पडे दो कमरे में से एक 33 नम्बर की चाबी व्यापारी को सौंप दी गईं थी जिसमें 2010 से आज दिनांक तक दुकानदार के द्वारा अपनी दुकानदारी कर रहा है। लेकिन निविदा के आधार पर विश्वकर्मा के 33 नम्बर के कमरे का सचिव की लापरवाही से इन्द्राज नहीं किया गया। समय बीतने के साथ सब सही चल रहा था, पर वर्तमान में पदस्थ सरपंच द्वारा ग्राम का विकास छोड पुराने कागजाद को खंगालकर बैनगंगा शॉपिंग काम्पलेक्स के 33 नम्बर में विश्वकर्मा को परेशान करना शुरू कर दिया। पंचायत द्वारा तीन चार माह के अंतराल में एक के बाद एक नोटिस पहुंचाया गया, जिसमें सिर्फ 33 नम्बर के कागजातों को बार बार मांगा जाता रहा और कमरे का इन्द्राज करने कुछ चाह रखने वाली पंचायत को जब कुछ हाथ नहीं लगा तो ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत के तथाकथित अधिकारी की साठगांठ से पूर्व तहसीलदार, पूर्व सरपंच व सम्बधित कांप्लेक्स समिती के दस्तावेजों को फर्जी बताकर एक पक्षीय कार्यवाही करते हुये 27 और 33 नम्बर की दुकान में कब्जा बताकर 33 नम्बर कि दुकान 48 घण्टे मे खाली (रिक्त) करने का नोटिस थमा दिया जिससे व्यापारी ने सरपंच व जनपद पंचायत की शिकायत जिला पंचायत सीईओ सोमवंशी से कि, जहां से निष्पक्ष जांच का आश्वासन आवेदक को मिला है।
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