कासिम खलील, बुलढाणा (महाराष्ट्र), NIT; जिस ठेकेदार पर गरीबों का अनाज गोदाम व राशन दुकानों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई है, उसी की चोरी पकडी गई है, लेकिन शायद जिला प्रशासन अब भी उसे ‘चोर’ नहीं मान रहा है और उस पर अपराधिक मामले दर्ज करवाने के बजाए उस पर मेहरबान है।
दरअसल दो दिन पहले चिखली तहसील के ग्राम शेलूद के पास ग्रामीणों ने एक 10 चक्का ट्रक को पकड़ा जिसमें राशन का चावल कालाबाजारी के लिए ले जाया जा रहा था। इस मामले में चिखली पुलिस स्टेशन में केवल ट्रक चालक के ऊपर ही अपराध दर्ज किया गया है जबकि देखा जाए तो इस घटना का असल जिम्मेदार और कोई नहीं बल्कि बुलढाणा जिले के राशन यातायात का ठेकेदार श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट कंपनी ही है, इसलिए अपराध किसी और पर नहीं बल्कि श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट कंपनी के ऊपर दर्ज किया जाना चाहिए था किंतु आपूर्ति विभाग इतना बड़ा मामला उजागर होने के बाद भी यातायात ठेकेदार पर मेहरबान नजर आ रहा है। आखिर इसका कारण क्या है? यह बात जनता की समझ से परे है।
बुलढाणा ज़िले में खाद्य निगम का मुख्य गोदाम खामगांव में है और यहीं से जिले के सभी सरकारी अनाज के गोदामों तक माल पहुंचाया जाता है और ज़िले के सरकारी राशन के गोदामों तक वाहनों के जरिए माल पहुंचाने का ठेका अमरावती के श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट को दिया गया है। शासन से अपने करारनामे में श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट ने कहा है कि वह अपने अनाज पहुंचाने वाले वाहनों पर हरा रंग मारेंगे तथा वाहन के ऊपर बड़े अक्षरों में “सरकारी अनाज यातायात” का बोर्ड लगाएंगे इसके अलावा उन्हें कई शर्तों का पालन करना है, ऐसा होते हुए भी ठेकेदार के कई वाहन शासन के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। 22 जून को खामगांव गोदाम से एक 10 पहिया ट्रक क्रमांक एमएच- 19-2097 तकरीबन 350 कट्टे चावल के लेकर खामगांव गोदाम से अमडापुर के लिए निकला। इस ट्रक को अमडापुर गोदाम पर आकर रुक जाना चाहिए था किंतु यह ट्रक अमडापुर न रुकते हुए सीधा चिखली की ओर बढ़ गया और ग्राम शेलुद के पास एक पेट्रोल पंप पर रुका। इस बात की भनक ग्रामीणों को लगने के बाद उन्होंने ट्रक को पकड़ लिया और फिर पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंच कर ट्रक को जप्त कर लिया। इस मामले में चिखली तहसील कार्यालय के कर्मी की शिकायत पर चिखली थाने में केवल ट्रक चालक पर जीवनावश्यक वस्तू अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया है। अब यहां सवाल यह उठता है कि अनाज अपने निर्धारित स्थान पर सुरक्षित रूप से पहुंचाने की पूरी जिम्मेदारी यातायात ठेकेदार की है। फिर अमडापुर के लिए निकला ट्रक गोदाम पर नहीं पहुंचता है जिसका अर्थ यही है कि यह ट्रक कालाबाजारी में जा रहा था इसलिए ट्रक चालक से ज्यादा जिम्मेदार यातायात ठेकेदार है। यातायात ठेकेदार पर सबसे पहले अपराध दर्ज किया जाना चाहिए था क्योंकि उसने शासन नियमों को भंग किया है लेकिन आपूर्ति विभाग न जाने कौन सी नींद में है। यातायात ठेकेदार की यह गैरजिम्मेदारी या फिर कालाबाजारी स्पष्ट रुप से उजागर होने के बाद भी ठेकेदार को नजरअंदाज कर केवल ट्रक चालक को आरोपी बनाया गया है। हालांकि इससे पहले भी यातायात ठेकेदार श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट पर राशन के अनाज की कालाबाजारी के आरोप लगे हैं। नांदुरा एवं शेगांव में अपराध भी दर्ज है किंतु शेगांव और नांदुरा की घटना में ठेकेदार को आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने बचाने का प्रयास किया था।
- श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट पर लगे आरोपों की जांच क्यों नही?
कालेकारनामे किसी से छिपते नहीं हैं, यह बात श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट के शायद समझ में नहीं आई, तभी तो वह राशन के अनाज की कालाबाज़ारी निडरता के साथ अंजाम दे रहा था। हालांकि इस से पहले भी श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट द्वारा ज़िले के शेगांव और नांदुरा में राशन के अनाज की कालाबाज़री की घटना उजागर हुई थी, किन्तु आपूर्ति विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों ने उसे बचाया था। यदि उसी वक़्त आपूर्ति विभाग पूरी ईमानदारी से कार्रवाई करता तो राशन अनाज की कालाबाजारी करने वाले यातायात ठेकेदार की इतनी हिम्मत नहीं पड़ती। शेगांव में 25 जनवरी को उजागर हुए अनाज की कालाबाजारी के मामले में जिला पूर्ति विभाग व जिलाधीश से लिखित रूप से शिकायत की गई थी किंतु आपूर्ति इस भ्रष्ट मामले में संलिप्त होने के कारण शिकायत की जांच आगे नहीं की गई थी और यातायात ठेकेदार को बचाने के भी पूरे इंतजाम किए गएथथे।
कोट:-
चिखली के पास राशन के अनाज से लदा जो ट्रक पकड़ा गया है, इस मामले में चिखली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। यातायात ठेकेदार इस में कितना दोषी है इसके लिए उसे कारण बताओ नोटिस दी गई है जिसका जवाब मिलने के बाद अगली दिशा ठहराई जाएगी:
चन्द्रकान्त पुलकुंडवार, जिलाधिकारी, बुलढाणा
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