साबिर खान, वसई-विरार/मुंबई (महाराष्ट्र), NIT:
खस्ताहाल जिला परिषद कुआरी उर्दू स्कूल विरार (पूर्व) के रखरखाव, मरम्मत के लिए पैसा नहीं मिलने पर पूर्व नगरसेवक श्री अब्दुल रहमान ब्लूच द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और तीन अल्पसंख्यक मंत्रियों पत्र लिख कर फंड मुहय्या कराने का अनुरोध किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार कैबिनेट मंत्री हसन मुशरिफ, अल्पसंख्यक कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक और मुंबई के पालक मंत्री असलम शेख, शिक्षा मंत्री श्रीमती वर्षा गायकवाड़, पालघर के पालक मंत्री दादा भुसे साहेब, पालघर के सांसद राजेंद्र गावित साहब, विधायक क्षितिज ठाकुर साहब, जिला परिषद आयुक्त, जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), शिक्षा अधिकारी श्रीमती सनप मैडम और वसई तालुका बीडीओ साहब और समूह शिक्षा अधिकारी श्रीमती दावणे मैडम को पत्र व्हाट्सएप और ई-मेल के माध्यम से प्राप्त हुआ है।
श्री अब्दुल रहमान ब्लूच ने पत्र में लिखा है कि सर्व शिक्षा अभियान के माध्यम से जिला परिषद उर्दू स्कूल भवन का निर्माण किया गया था। इस स्कूल में पहली से दसवीं कक्षा तक गरीबी रेखा के नीचे के बच्चे पढ़ रहे हैं। वर्तमान में स्कूल की इमारत के स्लैब से पानी रिस रहा है, इसलिए बिजली के तार में शॉर्ट सर्किट है और सभी पंखे बंद पड़े हैं और बेंचें दीमक लगकर ख़राब हो रही हैं, छत से पानी रिस रहा है, बच्चे कक्षा में बैठ नहीं सकेंगे। यह विद्यालय जिला परिषद की संपत्ति है। इसके लिए मैंने चार साल पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस और अल्पसंख्यक आयुक्त के अध्यक्ष को पत्र लिखा था। पूर्व अल्पसंख्यक आयुक्त हाजी अराफात साहब ने स्कूल का दौरा किया था और वसई के बीडीओ तहसीलदार साहब वसई, समूह शिक्षा अधिकारी वसई इस अवसर पर उपस्थित थे. हाजी अराफात ने उसे शीघ्र ही विद्यालय भवन की मरम्मत करने के लिए कहा था। इसके आधार पर वसई के अभियंता की अनुशंसा पर विद्यालय की पूर्ण मरम्मत के लिए 4,75,000/- रुपये स्वीकृत किए गए, उसके बावजूद भी स्कूल के काम को शुरू नहीं किया गया। मुस्लिम मंत्री जो मुख्य रूप से अल्पसंख्यक मुसलमानों के काम और उनकी शिकायतों को सुनने के लिए नियुक्त किए जाते हैं। इसके अलावा, आप पालघर और वसई तालुका के जिला परिषद के अधिकारियों को चाहे कितने भी पत्र लिखें, वे स्कूल के पैसे नहीं भेजते हैं। व्हाट्सएप, ई-मेल या पत्र लिखें, उनकी प्रतिक्रिया नहीं आती है। कोई भी फोन नहीं उठाता है। महाराष्ट्र के तीन कैबिनेट मंत्री स्कूल को लेकर चुप क्यों हैं? स्कूल दुर्घटना होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं?
यह सवाल पूर्व नगरसेवक व शिक्षण सभापति श्री अब्दुल रहमान बलूच ने पत्र लिखकर उठाया है।
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