मो. मुजम्मिल, जुन्नारदेव/छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:
महाराष्ट्र मालेगांव के ख्याति प्राप्त मौलाना सुल्तान सैफ मोहम्मदी आई प्लस टीवी के वक्ता ने शुक्रवार 11 जून को मस्जिद आयशा में शुक्रवार की विशेष नमाज पढ़ाई व तकरीर किया. तकरीर के बाद मौलाना सुल्तान ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए वसीम रिजवी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कुरआन के संबंध में दाखिल किये गए केस पर अपनी प्रतिक्रिया देते कहा कि कुरआन का हक तब ही अदा होगा जब हम इसे समझ कर पढ़ेंगे, मुसलमानों को चाहिए कि वह कुरआन को स्वयं समझ कर पढ़ें और उसका पैगाम लोगों तक पहुंचाएं. वसीम रिजवी ने कुरआन की आयतों पर अपनी आपत्ति दर्ज की थी, यदि वह उन कुरआन की आयतों को विस्तार पूर्वक समझ कर पढ़ा होता तो उसे कोर्ट जाने की जरूरत नहीं पड़ती. कुरआन तो संपूर्ण मानव जाति को जीवन जीने का रास्ता बताता है. मीडिया से बात करते हुए मौलाना ने कोरोना महामारी से बचने की गाइडलाइन को पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब (सअस ) का आदर्श बताते हुए लोगों को इसका पालन करने के लिए आह्वान किया. उन्होंने मौजूदा दौर में मुस्लिम समाज की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए आह्वान किया कि मुस्लिम समाज को चाहिए कि वह अपने आपसी मतभेद भुलाकर एक दूसरे को माफ करने की पहल करें इसके साथ ही संगठित होकर इस्लाम का प्रचार करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि अपने हम वतन भाइयों को इस्लाम धर्म का पैगाम पहुंचाहिए ताकि देश में फैल रही गलत फहमिओं को दूर किया जा सके. सांप्रदायिक सौहार्द अमन व शांति के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने में हमेशा एक जमाअत सक्रीय रहना चाहिए. मौलाना सुल्तान सैफ के आगमन की खबर लगते ही उनकी तकरीर सुनने लोग मस्जिद आयशा जुन्नारदेव पहुंचे. इसमें बड़कुही, डूंगरिया एवं सिवनी से जब्बार आलम सहित कई लोग उपस्थित हुए.
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