भैरु सिंह राजपुरोहित, बीकानेर ( राजस्थान ), NIT; वैसे तो देश में आम जन को समुचित सुचना मिले और जागरूकता बढे इस उद्देश्य से 2005 में सूचना अधिकार लागू किया गया और बड़े बड़े दावे किए जा रहे हैं कि आवेदनकर्ता को सभी विभाग तुरंत सूचना उपलब्ध करवा कर कार्य में पारदर्शिता ला रहे हैं और सूचना अधिकार कानून का सख्ती से पालन हो रहा है।
इन सब से उलट बीकानेर नगर निगम इस कानून की धज्जियां उड़ाने में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने में लगा है। किसी भी प्रकार की सूचना समय पर नहीं देना या देना ही नहीं, बीकानेर नगर निगम की पहचान बन चुकी है। महापौर के पद पर एक वरिष्ठ अधिवक्ता होने के बावजुद कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।ऐसा ही एक उदहारण आज का है। एक आरटीआई आवेदन कर्ता लाल सिंह राजपुरोहित ने कुछ सूचना नियमानुसार मांगी पर तय सीमा अवधि में नहीं मिलने पर प्रथम अपील 30-3-17 को महापौर के समक्ष लगाई और महापौर ने भी तय सीमा में पक्ष नहीं सुना और आज 19 – 6- 17 को लाल सिंह राजपुरोहित को पत्र भेज 11 बजे अपना पक्ष रखने को बुलाया और लाल सिंह राजपुरोहित जब तय समय पर पंहुचे तो महापौर तो नहीं मिले मिला महापौर के कक्ष पर ताला।
लाल सिंह राजपुरोहित ने समाजिक कार्यकर्त्ता व NIT संवाददाता भैरु सिंह राजपुरोहित से मिल कर कहा कि वो बार बार चक्कर पे चक्कर काट कर तंग आ चुका है पर उसे सूचना अब तक नहीं दी गई और ना उसका पक्ष सुना जा रहा है। भैरु सिंह ने महापौर को फोन कर बुलाया और लाल सिंह राजपुरोहित की अपील पर निर्णय देने का कहा तब जाकर महापौर ने 3 दिन में सभी सूचनाएं आवेदनकर्ता को निःशुल्क देने के आदेश जारी किये।
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