रफीक आलम, दमुआ/छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:
जीवन उपयोगी सामान गांव तक कैसे पहुंचे शासन ने नहीं ली सुध मजबूरन गोप, तराई, भौराखापा, भरदी, भाकरा आदि कई ग्रामों के लोग किराना, अनाज, सब्जी लेने दमुआ की गलियों में भटकते दिखे, सबसे ज्यादा परेशानी लोगों को राशन की देखी, शासकीय राशन की सभी सोसायटी में ताले लगे हैं, राशन का वितरण ना होने से ग्रामीणों के घर में एक वक्त भोजन भी नहीं बचा है, अपने बच्चों को भूख से बचाने के लिए पैदल ही 15- 20 किलोमीटर चलकर दमुआ की गलियों में भटकते नजर आ रहे हैं. लॉकडाउन में प्रशासन ने जीवन उपयोगी सामान ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचाने की कोई माकूल व्यवस्था नहीं बना पाई, वहीं पुलिस को चौक चौराहों पर कोई बेवजह आवाजाही ना करे इसके लिए मुस्तेद खड़ी है और नगर पालिका द्वारा जुर्माना वसूला जा रहा है. एक तो कोरोना के बढ़ते संक्रमण से लोगों को घर पर रहने पर मजबूर किया है तो दूसरी तरफ अपने बच्चों को भूख से बचाने के अपने घरों से बाहर बड़ी संख्या में ग्रामीण निकलकर दमुआ की ओर चले आ रहे हैं। सरकार ने तो लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है. पिछली बार विधायक सुनील उईके के अलावा कई समाजसेवी संस्था ने जीवन उपयोगी किट ग्रामीणों तक पहुंचाई पहुंचाई थी, अब कोई मसीहा इनकी जरूरत का सामान उपलब्ध करा दे तो इससे बड़ा कोई पुण्य का काम नहीं हो सकता है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.