मेहलका इकबाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
2021 का साल भारतीय इतिहास के लिए मनहूस साबित हुआ है। इस साल भारत की अनेक नेक हस्तियां हमसे जुदा हो गई हैं और निरंतर जुदा हो रही हैं और यह सिलसिला लगातार जारी है जिसमें एक नाम भोपाल की प्रसिद्ध शख्सियत और अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए समर्पित और हितेषी उमर फारूक खटानी (69) का नाम इस सूची में शामिल हो गया है। ऑल इंडिया हज वेल्फेयर सोसाइटी की मध्य प्रदेश इकाई के चेयरमैन मुकीत खान (खंडवा) उनके निधन पर इस शेर के साथ अपनी पीड़ा अभी व्यक्त की है कि: एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा, आँख हैरान है क्या शख्स ज़माने से उठा
ऑल इंडिया हज वेल्फेयर सोसाइटी के चेयरमैन मुकीत खान ने उनकी शख्सियत पर रोशनी डालते हुए बताया कि वह भोपाल की वो अज़ीम शख़्सियत थे, जिसके बारे में कुछ कहना या लिखना सूरज को चिराग़ दिखाने जैसा होगा। आज ऐसी अज़ीम शख्सियत इस दुनिया से चल बसी। अपने आपमें ढेरों काबिलियत लिये इस शख़्सियत ने अपनी ज़िंदगी की आख़री सांस तक कौम की ख़िदमत में सर्फ कर दी। उनके इंतकाल की खबर दिल हिला देने वाली साबित हुई। कौम के नौनिहालों के मुस्तकबिल को रौशन बनाने के लिये उन्होंने पद पर रहते हुए और पद पर ना रहते हुए भी अपने स्तर से भरपूर कोशिश की। मुकीत खान के मुताबिक ऐसी अज़ीम शख़्सियत का इस दुनिया से चले जाना तालीम के मैदान में काम करने वालों के लिये एक अपूरणीय क्षति तो है ही, वही इस क्षेत्र में काम करने वालों के लिए काम करने में बहुत कठिनाई और परेशानियां आने की संभावना है। क्योंकि मरहूम की मात्र हौसला अफ़ज़ाई ने हमारे नौजवानों को बेहतर तरीके से ख़िदमत करने का जज़्बा दिया था। उनकी छवि एक ईमानदार अफसर के नाम से पहचाने जाने वाले खटानी साहब को हरफनमौला अफसर की फेहरिस्त में शामिल होने का मौका मिला था, वे तहसीलदार से लेकर एस.डी.एम. डिप्टी कलेक्टर व भूअभिलेख के डिप्टी कमिश्नर, मध्यप्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सेक्रेट्री और मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के सी.ई.ओ. जैसे ज़िम्मेदार पदों पर रहै, मूलतः सारंगपुर के रहवासी खटानी साहब सर्विस में रहते हुए भी कौम की ख़िदमत के कामों में मुंसलिक रहै, रिटायरमेंट के बाद से आप मुस्लिमों में तालीम के लिये नुमाया खिदमात अंजाम देते रहै, आप मुस्लिम एजुकेशनल सोसायटी के सूबाई सदर रहै, तालीम के लिये जब भी आपको कहीं बुलाया जाता आप सारे काम छोड़कर ज़रूर शिरकत करते, खण्डवा के मुस्लिम एजुकेशनल सोसायटी के प्रोग्रामों में आपने चार साल तक अपनी मौजूदगी दर्ज कराई, वहीं इंदौर, ग्वालियर व बुरहानपुर में मुस्लिम एजुकेशनल सोसायटी ज़िला यूनिट के प्रोग्रामों में भी आप पाबंदी से शिरकत करते रहै, आप एसोसिएशन ऑफ मुस्लिम प्रोफेशनल AMP जैसी तंज़ीम के साथ जुड़ ज़िन्दगी के आखरी हिस्से तक कौम के उन बच्चों को जो आला तालीम हासिल करना चाहते थे उनकी रहनुमाई करते रहै, केंद्र और राज्य सरकारों की तालीम के लिये चलाई जा रही स्कीमों का फायदा कैसे हासिल करें ? इस मुताल्लिक अपना तआवुन देते रहै, अल्पसंख्यक आयोग में बतौर सेक्रेट्री रहकर आपने हर ज़िले में आयोग के को-कॉर्डिनेटर बनाए ताकि आयोग की कारगुज़ारी आम जन तक पहुँचे और लोग उसका फायदा उठाए, बतौर वक्फ बोर्ड सी.ई.ओ. आपने जो काम किये उसकी चारों और तारीफ की गई बल्कि मुल्क के दीगर सूबों के वक्फ बोर्डो को भी मध्यप्रदेश की तर्ज पर काम करने की हिदायत दी गई।
भोपाल की शान, खटानी साहब की काबिलियत ऐसी की हर सोसायटी उनको अपने साथ शामिल करने के लिये होड़ करती रही, वे राहत सोसायटी फॉर सोश्यल वेलफेयर के मेम्बर रहै, चहक जनरल हॉस्पिटल के फाउंडर मेम्बर चुने गए.
मध्यप्रदेश हज वेलफेयर सोसायटी के सरपरस्त भी थे खटानी साहब.
मरहूम उमर फारूक खटानी मध्यप्रदेश हज वेलफेयर सोसायटी के सरपरस्त सदस्य भी थे, वक्त-वक्त पर सोसायटी को अपनी रहनुमाई देकर हौसला अफ़ज़ाई करते रहते थे। वहीं खटानी साहब के साहबज़ादे ज़ैनुल आबेदीन खटानी पायलट हैं, अपने वालिद साहब जैसा ख़िदमत का जज़्बा रखने वाले ज़ैनुल आबेदीन आगे अपने वालिद के कामों में और ज़्यादा सरगर्म होकर काम करेंगे। मध्य प्रदेश वक्त बोर्ड के पूर्व सदस्य एवं बुरहानपुर के कद्दावर भाजपा नेता मोइन अख्तर मौलाना हिफ्जुल रहमान अंसारी ने भी मरहूम खटानी के के इंतकाल पर अपने गहरे दुख का इजहार करते हुए उनकी शख्सियत को शेख अजीम शख्सियत के साथ एक संगठन और कुशल सामाजिक नेता बताते हुए अपनी ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की। हर्फ हर्फ आईना सोसाइटी बुरहानपुर के अध्यक्ष इकबाल अंसारी आईना ने भी खटानी के निधन पर अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया और अल्लाह से प्रार्थना की के शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में उनका बेहतरीन विकल्प हमें अता फरमा। मुकीत खान खंडवा ने दुआ मांगी कि अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त उमर फारूक खटानी साहब की मग़फ़िरत फ़रमाए उनके दरजात को बुलंद कर जन्नतुल फिरदौस में आला मकाम अता करे, घर के हर फर्द को और मरहूम के साथ जुड़कर काम कर रहै तमाम लोगों और संगठनों के पदाधिकारियों को सब्र ए जमील अता करे – आमीन सुम्मा आमीन।
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