विवेक जैन, बागपत (मप्र), NIT:
शांति समिति बागपत के सदस्य एवं प्रमुख समाज सेवी हाजी यासीन ने बताया कि रमजान संसार का सबसे पाक महीना है। इस महीने में अल्लाह की इबादत करने वाला अल्लाह के सबसे पास होता है। इस पाक रमजान माह में हर नेक अमल को इबादत का दर्जा प्राप्त है। यह महीना नेकियां कमाने का बेहतरीन मौका है। कहा कि रमजान का पाक महीना अमीरों को गरीबों की भूख-प्यास का अहसास कराने और नेक काम करने की प्रेरणा देता है। रोजे का मकसद सिर्फ भूखे प्यासे रहना नही है, बल्कि यह रोजा रोजेदार के पूरे शरीर का होता है। रोजा रखते समय वह कोई बुरा काम ना करे। अगर इंसान रोजे रखकर भी बुरा काम करता है तो उसका रोजा खंड़ित हो जाता है। रोजे इंसान को खुद पर काबू रखना सिखाते है। कुल मिलाकर कह सकते है कि रोजे इंसान को इंसान बनना सिखाते है। रमजान बरकत व इबादत का खास महीना है। इस पाक महीने में नेकियों और ईबादत से संसार में जो सुख की अनुभूति होती है, उसकी कल्पना नही की जा सकती। रमजान में नेकी करने वाला हर इंसान अल्लाह की रहमत का हकदार होता है। सामर्थ्य के अनुसार भूखों को खाना खिलाना, प्यासों को पानी पिलाना, गरीबों को कपड़ा उपलब्ध कराना आदि नेकी के काम है। रमजान के पाक महीने में नेकी करने से 70 गुना ज्यादा पुण्य मिलता है। कहा कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिये हम एक दूसरे का सहयोग करें। यह हमारे ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है कि हमारा कोई भाई इस महामारी की चपेट में ना आये, इसके लिये सरकार द्वारा दिये जा रहे दिशा-निर्देर्शों का पालन करें और नेकियों के साथ-साथ पूरे मन से अल्लाह की इबादत करते रहें।
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