अबरार अहमद खान/मुकीज़ खान, भोपाल (मप्र), NIT:
एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रदेश में वर्तमान समय में कोरोना वायरस बड़ी तेज़ी से फैल रहा है और ऐसी स्थिति में भोपाल सहित कई जिलों में अप्रशिक्षित नर्सिंग छात्र छात्राओं से कोविड-19 का टीकाकरण करवाया जा रहा है जो कि गलत है.
रवि परमार ने NIT संवाददाता से बात करते हुए कहा कि जो स्टूडेंट टीकाकरण में कार्य कर रहे हैं वह ना तो रजिस्टर्ड हैं और ना ही ठीक से प्रशिक्षित हैं, ऐसी स्थिति में अगर कोई अनहोनी होगी तो उसका ज़िम्मेदार कौन होगा? नर्सिंग स्टूडेंट का शोषण करना सरकार बंद करे।
रवि ने कहा कि नरसिम्हा छात्राएं अपने स्वास्थ्य को लेकर अत्यधिक परेशान है कॉलेजों के दबाव में छात्र छात्राओं को टीकाकरण में ड्यूटी करना पड़ रही है ड्यूटी कर रहे नर्सिंग छात्र छात्राओं में से कई जिलों में नर्सिंग छात्र छात्राएं कोरोना पॉजिटिव आए हैं जिसे छात्र-छात्राओं की चिंता और भी बढ़ गई.
परमार ने कहा कि प्रदेश में रजिस्टर्ड और प्रशिक्षित स्टाफ नर्स की कमी नहीं है कई नर्सिंग स्टाफ बेरोजगार है स्क्रीन का हनन करने की बजाय नर्सिंग स्टाफ को रोजगार दिया जाए या फिर नर्सिंग कॉलेजों के शिक्षक और नर्सिंग कॉलेजों के अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ से टीकाकरण का कार्य करवाए जाएं.
रवि परमार ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार मुफ्त में छात्र-छात्राओं का शोषण कर रही है नर्सिंग छात्र छात्राओं को टीकाकरण में कार्य करने पर ना तो कोई सुविधा दी जा रही है ना ही उन्हें किसी प्रकार का मानदेय दिया जा रहा है बल्कि मास्क सैनिटाइजर भी अपने खुद के पैसो से खरीद रहे हैं.
परमार ने कहा कि अगर आपको नर्सिंग छात्र छात्राओं से टीकाकरण में कार्य करवाना है तो पहले तो सभी छात्र छात्राओं का टीकाकरण करवाएं और जो आपके सरकारी नर्सिंग स्टाफ को वेतन और सुविधाएं दी जा रहे हैं वही वेतन और सुविधाएं नर्सिंग छात्र छात्राओं को भी दें,
एनएसयूआई ने चेतावनी दी कि अगर जल्दी मांगे नहीं मानी गई तो एनएसयूआई मेडिकल विंग उग्र प्रदर्शन करेगी।
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