अशफाक कायमखानी, सीकर ( राजस्थान ), NIT;
राजस्थान में पशु कारोबार के हिसाब से प्रदेश में दूसरे नम्बर की बडी बकरामंडी सीकर के दुखी व अनेक समस्याओं से झूज रहे पशुकारोबारियो को अब जाकर माकपा के राज्य सचिव वामपंथी नेता पुर्व विधायक अमराराम का साथ मिला है।
कल 16-जून को वामपंथ की तरफ से सीकर कृषि उपजमंडी में आयोजित किसान सम्मेलन व कलेक्ट्रेट पर पड़ाव मे माह-ऐ-रमजान का जुमा होने के बावजूद बकरामंडी के पशुकारोबारियो ने अपनी बकरा मंडी को एक दिन के लिये बंद करके बडी तादात मे वामपंथियो के किसान सम्मेलन मे शामिल होकर अपना एक मांगपत्र माकपा के राष्ट्रीय महासचिव के नाम पुर्व विधायक अमराराम के हाथ मे सोंपकर मदद की गुहार लगाई। तत्पश्चात अमराराम ने कल के अपने मांग पत्र मे उन मांगो को शामिल करके उनमे से कुछ प्रमुख मांगो को जिला प्रशासन से देर रात मनवाकर बकरा मंडी कारोबारियो को राहत दिलवाने मे सफल होकर उनके दिलो में गहरी पेठ जमाई है।
सीकर के बकरामंडी के पशुकारोबारियो के साथ वेसे तो पशुक्रूरता ने नाम पर जब चाहे तब पुलिस व नाम नियाद कुछ पशुप्रेमी ज्यादती करते रहते है। लेकिन पिछले एक महिनो मे इन कारोबारियो के साथ दो बडी लूट व एक की हत्या व अन्यो को घायल करने की वारदात ने पुरे बकरामंडी व्यापारी समाज को निचे से उपर तक हिलाकर काफी दुखी कर दिया था। उनके मदद के लिये इधर उधर दोड़ लगाने पर भी उन्हे किधर से भी कोई महत्वपुर्ण मदद का आश्वासन भर भी नही मिला तो आखिरकार थक हार कर बुझे मन से एक नई उम्मीद लेकर कल उन सभी कारोबारियो ने एक दिन की बकरा मंडी की छुट्टी रखकर पुर्व विधायक अमराम से किसान सम्मेलन मे शिरकत खरके उनसे मिलकर उनको एक मांग पत्र सौंपकर मदद की अपील करने पर तुरंत अमरा राम ने उसी सम्मेलन मे उनकी मांगो का समर्थन करते हुये उनके लिये संघर्ष करने का भरोषा दिलाकर उन सभी मांगो को अपने मांगपत्र मे शामिल करके कल ही प्रशासन पर दवाब बनाकर कुछेक मांगो पर सहमति बनाने कर दुखी-परेशानहाल लोगो को एक तरह से सम्भल दिया है। पिछले एक महिने मे सीकर के बकरामंडी कारोबारियो के साथ कोटपुतली मे 86-लाख की लूट व 15-जून को लोसल के आगे नागोर जिले मे यासीन नाम के बकरा व्यापारी के साथ दो लाख की लूट व लुटेरो द्वारा उनके एक जवान बेटे माजीद को गोली मारकर उसे मोत के घाट उतारने के साथ साथ यासीन को बूरी तरह घायल करने के बाद तो सभी पशु कारोबारियो को को सोचने पर मजबूर कर दिया है।शैक्षणिक, आर्थिक व सियासी तौर पर कमजोर माने जाने वाले सीकर बकरा मंडी के कारोबारी रोज किसानों के घर–घर जाकर यहां से पशु खरीदकर मंडी में लाकर उन्हें बेचकर मुश्किल से दो पेसा कमाकर अपने बच्चो की दो जून की रोटी का इंतेजाम करते आ रहे है। इस गरिबी व कमजोर माली हालत के चलते उनके पास कोई चमक-धमक नही होने से उनकी मदद करने को हर कोई जल्दी से तैयार भी नही होता है। तभी शायद उन्होने कल तय करके गरीब-मजलूम-किसान-मजदूर व पिडितो की आवाज बने माकपा राज्य सचिव अमराराय का हाथ पकड़ने का तय किया होगा। पुर्व विधायक व किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमराराम की एकाग्रता-विश्वसनीयता व इस तरह के तबके के साथ हरदम खड़ा होकर उनके हको की आवाज बूलंद करने मे माहिरता को देखकर जो पशुकारोबारियो ने विश्वास जताया है उस पर शायद अमराराम खरे उतरेगे।
कुल मिलाकर यह है कि किसी भी तरफ न्याय ना मिलने से निराश होकर पिछले कुछ महिनो से काफी दुखी पशु कारोबारियो ने वामपंथियो के क्रषि उपजमंडी प्रांगण मे आयोजीत किसान सम्मेलन मे बडी तादात मे शिरकत करके माह-ऐ-रमजान के जुमे की नमाज भी वही सम्मेलन स्थल पर, चलते सम्मेलन के मध्य नमाज पढने का जो निर्णय किया है। उसकी मिसाल शायद दूसरी मिलना बडा कठिन है। वही अब लगता है कि अमराम के साथ के बाद उनकी समस्याओ मे अब निरंतर कमी आने की सम्भावना जताई जाने के साथ उनके अंदर भी संघर्ष का मादा जीवन मे उबाल मारेगा।
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