राजस्थान में एआईएमआईएम की दस्तक से बढ़ी राजनीतिक हलचल, कांग्रेस से जुड़े नेताओं में बेचैनी | New India Times

अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:

राजस्थान में एआईएमआईएम की दस्तक से बढ़ी राजनीतिक हलचल, कांग्रेस से जुड़े नेताओं में बेचैनी | New India Times

प्रमुख रुप से हैदराबाद के सुल्तान सलाऊद्दीन ओवैसी द्वारा बनाई गई राजनीतिक पार्टी एआईएमआईएम ने पहले हैदराबाद तक अपने पैर पसार रखे थे लेकिन सुल्तान सलाऊद्दीन ओवैसी के साहबजादे ने विदेश से बेरिस्टर की पढाई मुकम्मल करके अपने पिता द्वारा बनाई गई राजनीतिक पार्टी मे शामिल होकर राजनीति के माध्यम से खिदमत करने के इरादे से एआईएमआईएम को हैदराबाद से लेकर भारत के अन्य हिस्सों तक बाहर लाकर उसे परवान चढाने की शुरुआत में पहले महाराष्ट्र और फिर बिहार चुनाव के बाद गुजरात में अपने पैर जमाने में ठीक ठाक कामयाबी मिलने के साथ साथ अब जाकर भारत भर के अधीकांश हिस्सों के मुस्लिम समुदाय के युवाओं का एक बडा़ हिस्सा अब उन्हें वर्तमान राजनीतिक हालात में अपना काईद (लीडर) मानने लगा है।
राजस्थान में भाजपा व कांग्रेस के नाम पर दो दलीय व्यवस्था कायम होने की मजबूरी के कारण मुस्लिम समुदाय को कांग्रेस द्वारा ग्रांटेड वोटबैंक मानकर उनकी गहलोत सरकार द्वारा लगातार अनदेखी करते आने से खासतौर पर असहज महसूस करने वाला युवा तबका अब सांसद असदुद्दीन ओवैसी व उनकी पार्टी एआईएमआईएम की तरफ उम्मीदों की टक टकी लगाने लगा है। जिस टकटकी को कुछ बूजुर्ग अपने आपको राजनीति में अलग थलग पड़ने की सम्भावना जता कर इस खेल को खतरनाक बताते हैं वहीं युवा तबका इसको कांग्रेस द्वारा उनके लिये बनाये जा रहे असहज हालात से निकलने का वर्तमान समय में एक मात्र विकल्प एआईएमआईएम व सांसद आवेसी को राजस्थान में लाकर उसको परवान चढाना मात्र बता रहे हैं। वर्तमान में गहलोत सरकार द्वारा विधानसभा में पेश बजट में मुस्लिम युवा अपनी घोर अनदेखी होना मानकर चल रहा है। इससे अंदर ही अंदर उनके मनों में ज्वाला उगलने से ज्वालामुखी फटने जैसे हालात बनते नजर आने लगे हैं। अहमदाबाद के नगर निगम चुनाव में पहली दफा चुनावों मे भाग लेकर एआईएमआईएम द्वारा आठ उम्मीदवार उतारने पर उनमें से सात के विजयी होने से एआईएमआईएम के प्रति लालायित युवा तबके के हौसले को ताकत मिली है।
कुल मिलाकर यह है कि हैदराबाद के बाहर पहले महाराष्ट्र में सांसद व विधायक फिर बिहार में पांच विधायक व अब अहमदाबाद के स्थानीय निकाय चुनाव में आठ उम्मीदवारों में से सात के जीतने के अलावा संसद के अंदर व बाहर अनेक मंचों पर बेबाक तौर पर तर्कों के साथ अपनी बात रखने से सांसद असदुद्दीन ओवैसी को एक वर्ग वर्तमान समय में अपना लीडर मानकर चलने लगा है। राजस्थान के अनेक लोग भी एआईएमआईएम को प्रदेश में लाकर तीसरे विकल्प के तौर पर पेश करने में लगे हैं जिसको कांग्रेस से जुड़े कुछ लोग खतरनाक बता रहे हैं वहीं युवाओं का बड़ा हिस्सा आवश्यकता को अविष्कार की जननी बताते हुये एआईएमआईएम का राजस्थान में आना जरूरी बता रहे हैं। इस सिलसिले में राजस्थान के अनेक लोगे ओवैसी के सम्पर्क में बताते हैं।


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