आसिम खान, ब्यूरो चीफ, छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:

जिले के विकास में चार चांद लगाने वाले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के प्रयासों से छिंदवाड़ा जिले के आदिवासी अंचल में बसे करीब 125 गांव की तकदीर और तस्वीर बदल रही है. जिला कौशल विकास समन्वयक आतिश ठाकरे ने बताया कि पिछले आठ सालों से जुन्नारदेव हर्रई और चौरई के इन गांवों में आदिवासी परिवारों किसानों और महिलाओं के लिए जो काम कमलनाथ जी के प्रयासों से हुए हैं उनकी अब खुशनुमा तस्वीर अब उभर कर सामने आई है कहीं किसानों को स्प्रिंकलर सेट मुफ्त में मिले हैं तो कहीं आदिवासी महिलाओं को स्व सहायता समूह से जोड़ कर आत्मनिर्भर बनाया गया है इन अंचलों में 100 से भी ज्यादा चेक डैम 50 से अधिक स्टॉप डैम है खेती को लाभ का कारोबार बनाने के लिए किसानों को प्रशिक्षण दिया गया यह सब हुआ है सेवा भाव से मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने हमेशा छिंदवाड़ा के सर्वांगीण विकास का सपना देखा उनके विचारों में यह बात सदैव रही कि किस तरह से जिले के आदिवासी परिवारों को अपने पैरों पर खड़ा होने योग्य बनाया जा सके जिससे वे अपने परिवार परिजनों का पालन पोषण बेहतरीन तरीके से कर सके उनके इस सपने को साकार किया समाज सेवा में शानदार काम कर रही है मिशन सुनहरा कल आईटीसी कंपनी मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के प्रयासों से आईटीसी कंपनी अपने सीएसआर फंड का बड़ा हिस्सा छिंदवाड़ा के आदिवासी अंचलों में होने वाले काम के लिए दीया संस्था के माध्यम से जनवरी 2013 से सेवा कार्य शुरू किया गया मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ की मंशा अनुरूप जुन्नारदेव ब्लॉक के सुदूर अंचल में बसे नवेगांव सहित आसपास के 74 गांव को चुना गया साथ में हर्रई तामिया के 51 तथा चौरई के बीच ऐसे गांव का चयन हुआ जहां आदिवासी परिवारों के लिए काम की आवश्यकता थी 12000 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन को टारगेट किया गया 10000 किसानों को उन्नत कृषि सिखाने का लक्ष्य रखा गया महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की गई 500 किसानों को स्प्रिंकलर सेट प्रदान किए गए और बहुत सारे काम कर के मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के सपनों को मूर्त रूप देने का इरादा लेकर मिशन सुनहरा कल आईटीसी की टीम मैदान में उतरी इसके बाद जो सुनहरी तस्वीर सामने आई है वह दिखाती है कि आखिर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जिले वासियों के दिलों में राज करते हैं उनके प्रयासों से सेवा भाव के लिए शुरू किए गए कार्यों से 145 गांव की तस्वीर बयां करती यह रिपोर्ट;
12000 हेक्टेयर कृषि भूमि में ट्रीटमेंट कर सुधार कर उन्नत कृषि योग्य बनाया गया.
10000 किसानों को फायदा पहुंचा.
5000 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया.
500 स्प्रिंकलर सेटों को किसानों को वितरित किया गया.
75 स्टाफ डेमो का निर्माण किया गया.
50 अर्धन चेक डैम बनाए गए,
100 फार्म पोंड बनाए गए.
बंजर पड़ी जमीन मैं पानी से लौटी समृद्धि.

स्टॉप डैम ने बदल दी गांव की तस्वीर श्री कमलनाथ जी के प्रयासों से मिशन सुनहरा कल आईटीसी के सौजन्य से जो काम किए गए उनके परिणाम नजर डालें तो पता चलता है कि गांव में कभी पानी के लिए छटपटाते थे वहां अब खुशी का माहौल है इन गांव सुधार 75 से अधिक स्टॉप डेम बनाए जा चुके हैं इन गांव में हरितमा की चादर उनकी सफलता की कहानी खुद बयां कर रही है कमलनाथ जी के निजी प्रयासों से कई ऐसे किसानों के खेत सिंचित हो रहे हैं जो कुछ समय पहले तक केवल बरसात पर निर्भर हुआ करते थे उनके खेतों में लहराती गेहूं और चने की फसलें गांव के उज्जवल भविष्य की तस्वीरें लोगों को निहारने पर मजबूर कर रही है ग्राम के किसान जहां एक ही बरसाती फसल पर आधारित थे वह अब स्टॉप डैम के बन जाने से बारहमासी फसलो का उत्पादन ले रहे हैं और ग्राम की आर्थिक उन्नति हो रही है.
पेड़ लगाए और पहाड़ों पर लौटी हरियाली
कमलनाथ जी की मनसा अनुरूप गांव में हरियाली लाने और आदिवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पेड़ लगाने का कार्यक्रम चलाया पिछले 8 वर्षों में करीब 100 से ज्यादा जगह वृक्षारोपण किया जा चुका है जल स्त्रोत के आसपास मिट्टी का कटाव रोकने के लिए यहां कई प्रजातियों के वृक्ष लगाए गए हैं इस अभिनव प्रयास को कल्पना से वास्तविकता तक पहुंचाने के लिए गांव में मिशन सुनहरा कल आईटीसी की टीम ने समूह बनाया इससे गांव के लोगों को जोड़ा गया और मिट्टी का कटाव रोकने के उद्देश्य से बड़ी संख्या में पेड़ लगाए गए इस तरह जुन्नारदेव हर्रई चौरई में पहाड़ियों पर हरियाली लौटाई समूह के सदस्य पेड़ों की देखभाल में स्वयं रुचि लेते हैं उन्होंने अलग-अलग फलों के भी बहुत से पेड़ लगाए हैं वन क्षेत्र में पहाड़ियों पर जल प्रबंधन कुछ आदिवासी परिवारों की बस्ती को मिलाकर बने हैं छोटे-छोटे यह गांव छोटी-छोटी पगडंडियों से पहाड़ी पर पहुंचना तो कठिन हो होता है लेकिन उनके लिए जो यहां कभी कबार आते हैं इस गांव के रहवासियों से के लिए रोज की बात होती है उनकी दिनचर्या का हिस्सा भी इस गांव में चहल-पहल भी बहुत ज्यादा नहीं दिखाई देती किंतु 100 से अधिक स्टॉप डेम बनाकर जल प्रबंधन पर बेहतरीन काम किया गया कमलनाथ जी के सपनों को साकार करने का बीड़ा उठाते हुए यहां करीब 8 साल पहले आदिवासियों और क्षेत्र में काम करने वाली संस्था मिशन सुनहरा कल आईटीसी कंपनी के सौजन्य से योजना बनाई गई और इस पर अमल शुरू किया गया खुद आदिवासी भी इसके लिए आगे आए इसमें से इन इलाकों के 12000 से ज्यादा किसान 10,000 से ज्यादा बीघा खेत में गेहूं चने की फसल ले पा रहे हैं मेड बंधान सहित चेक डैम का फायदा किसानों को मिल रहा है.
सदैव से मेरी यही मनसा रही है कि छिंदवाड़ा विकास के पथ पर निरंतर आगे बढ़ता रहे विकास का रास्ता गांव से होकर गुजरता है जहां हमारे अन्नदाता निवास करते हैं किसान खुशहाल होंगे तो सारा जग उन्नति के रास्ते पर चलेगा मैंने प्रयास किया है कि किसानों को उन्नत खेती का प्रशिक्षण मिले ताकि वे ज्यादा से ज्यादा उपज लेकर अपनी मेहनत के वाजिब दाम पा सके खेती उनके लिए लाभ का धंधा बन सके जिससे हमारे आदिवासी किसान भाइयों का जीवन बेहतर हो सके घर का कामकाज संभालने वाली हमारी बहने और स्व सहायता समूह से जुड़कर व्यवसाय कर मुनाफा कमा रही है यह जानकर खुशी हुई: कमलनाथ
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