चौरी चौरा शताब्दी वर्ष के तहत एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम में कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन | New India Times

वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:

चौरी चौरा शताब्दी वर्ष के तहत एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम में कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन | New India Times

हिंदी प्रोत्साहन समिति के बैनर तले चौरी चौरा शताब्दी वर्ष के तहत एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। यहाँ के केन ग्रोवर्स इंटर कालेज परिसर में विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह व बीडीओ अमित सिंह ने माँ शारदे के चित्र के समझ दीप प्रज्वलित किया। पीके कॉन्वेंट की ओर से कवियों व अतिथियों को स्मृति चिन्ह व शाल भेंट की गयी। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामचंद्र शुक्ला ने तथा संचालन विकास बौखल ने किया । समिति जिलाध्यक्ष श्रीकांत सिंह के निर्देशन में कवि शिवकिशोर तिवारी खंजन ने सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की।

चौरी चौरा शताब्दी वर्ष के तहत एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम में कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन | New India Times

योगेश चौहान ने पढ़ा
यदि पटेल भारत मां की छाती पर जिंदा होता,
तो देशद्रोहियों के गर्दन में फांसी का फंदा होता
श्याम त्रिवेदी पंकज ने पढ़ा
कर्णधार ही निकल पड़ें जब वतन जलाने की खातिर,
ऐसी औलादों से ज्यादा कोख बाँझ हो अच्छा है।
शशि श्रेया ने पढ़ा
बिन तेरे कैसे जिऊंगी यह बता तो देते,
बीच मझधार में छोड़ कर जाने वाले,,
शिव किशोर तिवारी ‘खंजन’ ने पढ़ा
जिंदगी स्वार्थ की जीना है तो किस काम का जीना, जिंदगी दूसरों के नाम का जाऊं तो अच्छा है,,
विकास बौखल ने पढ़ा
दूर दूर ही रहो नहीं तो रोना हो जाएगा,
नहीं उतारे उसने ऐसा टोना हो जाएगा,,
विकास शर्मा ने पढ़ा
यह भी पता नहीं कि मैं आ गया हूँ ठीक ठाक,
मेरी वाली भेजो मुलाकात करनी है मुझे,,
रामचंद्र शुक्ला ने पढ़ा
गीत तो अभिव्यक्ति हैं टूटे हृदय की,
किंतु पाने के लिए लिखता नहीं हूं,,
अरविंद कुमार ने पढ़ा
भला कहीं घूमना मीका गुमनामी का दुनिया में चर्चा होता है,
जय उनकी जिनका हर दम पर चिप का पर्चा होता है,,

चौरी चौरा शताब्दी वर्ष के तहत एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम में कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन | New India Times

श्रीकांत सिंह ने पढ़ा
ये जीवन है तो जीना है मगर इतना समझ लेना,
हमारी हर समस्या की वजह भी कुछ न कुछ होगी,,
आशीष मिश्रा ने पढ़ा
राम मंदिर बनाए तो अच्छा हुआ,
अब किसानों पर कुछ ध्यान दे दीजिए,,
सुनीत बाजपेई ने पढ़ा
रोता हुआ देखकर माँ को खुद शहीद रोते होंगे,
जैसा छोड़ गये थे हम अब वैसा हिन्दुस्तान कहाँ।
हरेंद्र वर्मा ने पढ़ा
मत कहो तेलों की कीमत में इजाफा हो रहा,
अब यहां पूंजीपति ही देश की सरकार है,,
विकास मिश्र ने पढ़ा
दूसरों की पीर तेरी आंखें ना रोई,
तो फिर मानव नहीं तू,,
देर रात तक चले कवि सम्मेलन में कोतवाली निरीक्षक आदर्श सिंह, अजय त्रिपाठी, हरिश्चंद्र, राकेश गुप्ता, कुणाल गुप्ता, ब्रह्मप्रकाश तिवारी, पीके राय, बीएल वर्मा, स्वतंत्र गुप्ता, माला सिंह, भाषाश्री, योगिता सिंह, सुरेश गुप्ता, साहित्य सिंह आदि सैकड़ो श्रोताओं ने अनेकों विधाओं के काव्यरस का आनंद लिया।


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By nit

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