Edited by Maqsood Ali; मुंबई, NIT;
महाराष्ट्र सरकार की ओर से आज किसानों की ऋण माफी और इसके लिए मानदंड तय करने के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की है।सरकार द्वारा कर्ज माफी की घोषणा होने के बाद कृषकों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है।
राजस्व मंत्री चन्द्रकांत पाटिल ने कहा कि सरकार ने किसानों का ऋण माफ करने का निर्णय लिया है। सीमांत किसानों का सारा ऋण आज से ही माफ किया जाता है। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस द्वारा गठित उच्च-स्तरीय समिति के अध्यक्ष पाटिल आज यहां किसान नेताओं से चर्चा के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। वार्ता में भाग लेने वाले किसान नेता और लोकसभा सदस्य राजू शेट्टी ने कहा कि वह खुश हैं कि उनकी मांगें मान ली गयी हैं। शेट्टी ने कहा कि हमारे मुद्दे सुलझ गये हैं। हमने कल और परसों होने वाले धरना प्रदर्शन सहित अपना आंदोलन अस्थाई रुप से वापस लेने का फैसला लिया है। लेकिन यदि 25 जुलाई तक (ऋण माफी पर) कोई संतोषजनक फैसला नहीं लिया गया तो हम अपना आंदोलन फिर शुरु करेंगे। अन्य किसान नेता रघुनाथ दादा पाटिल ने कहा कि मंत्री ने आश्वासन दिया है कि किसानों का ‘सारा कर्ज’ माफ होगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल दीवाली के त्योहार जैसा माहौल है। हमारी सभी, 100 प्रतिशत, मांगें मान ली गयी हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रीसमूह ने किसानों को आज से नये सिरे से ऋण देना शुरु करने का फैसला लिया है। निर्दलीय विधायक बाचु काडु ने कहा कि हम कल और 13 जून को आहूत सड़क और रेल रोको आंदोलन वापस ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन, यदि आज लिये गये फैसले 24 जुलाई तक लागू नहीं होते हैं तो किसान अपना आंदोलन फिर शुरु करेंगे।
राजस्व मंत्री से जब पूछा गया कि आज से जब नये सिरे से कर्ज दिया जा रहा है तो क्या पुराने कर्ज का समावेशन होगा, तो उन्होंने कहा कि यह सामान्य बैंकिंग प्रश्न है। जब तक पुराना ऋण माफ नहीं होगा, नया ऋण नहीं मिल सकता।
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