फ़िरोज़ खान, बारां(राजस्थान), NIT; बकनपुरा पंचायत के गांव जगदेवपुरा सहरिया बस्ती की पुष्पा पत्नी अमरा सहरिया को इंदिरा आवास योजना के तहत मकान स्वीकृत हुआ था। जिसकी प्रथम किश्त 17 हजार 500 रुपए मिले थे, मगर बैंक बीसी सुरेश मीणा ने फर्जीवाड़ा कर इस महिला की किश्त का पैसा निकाल लिया था और महिला पैसे के लिए चक्कर काटती रही। इस मामले को NIT ने उजागर किया था जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और बैंक अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा गया।
भवँरगढ़ थानाधिकारी रामकिशन यादव ने NIT संवाददाता को बताया कि बुजर्ग महिला पुष्पा सहरिया को लेकर ग्रामसेवक राजेश थाने पर आया और महिला की ओर से हाड़ौती क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के बीसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया। दर्ज रिपोर्ट में महिला ने बताया कि बैंक बीसी सुरेश मीणा निवासी उमेदपुरा ने कहा कि तेरे मकान की किश्त आ गयी है, तेरा एटीम दे, उससे पैसा निकलना है। इस तरह महिला के एटीएम से 17 हजार 500 रुपए निकल लिए और महिला को 10 हजार 400 रुपए पकड़ा दिए और कहा कि इतना ही पैसा आया है और 7 हजार 100 रुपए बैंक बीसी ने रख लिए। इस कारण महिला का आवास का निर्माण नहीं हो सकारऔर वह टापरी में ही निवास कर रही है। जब इस मामले की खबर प्रकाशित हुई तो जिला प्रशासन हरकत में आया और जिला कलक्टर डॉ एस पी सिंह बारां ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए बैंक बीसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने के आदेश दिए। बैंक बीसी द्वारा इसके खाते से एटीएम से पैसा निकाल लिया और इस बुजर्ग महिला को पता ही नही चला और आज तक आवास का निर्माण नहीं हुआ। आज भी महिला टपरी में निवास करने को मजबूर है। बीसी की लापरवाही के कारण यह महिला आज भी टापरी बनाकर अपना जीवन व्यतीत कर रही है । जब इसकी बैंक डायरी को देखा गया तो उसमें आवास की किश्त एटीएम के द्वारा निकलना पाया गया जबकि बुजर्ग महिला के पास एटीएम ही नही है। गांव के लोगों ने बताया कि पूर्व बैंक बीसी सुरेश मीणा के पास इस महिला का एटीएम है और इसके द्वारा ही पैसा निकाल गया है जिस कारण मौके पर आवास का अभी तक निर्माण नहीं हुआ है जबकि पैसा भी स्वीकृत हो गया और निकाल भी लिया गया। थानाधिकारी ने बताया कि बैंक अधिकारी के खिलाफ धारा 420 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर जाँच की जा रही है। वहीँ जिला कलेक्टर डॉ एस पी सिंह ने बताया कि बैंक बीसी सुरेश मीणा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया गया है। इस तरह की जो भी शिकायते आती है, उनकी विस्तार से जाँच कर कार्यवाही की जाती है।
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