बेलढाना व रसेना धान खरीदी केन्द्रों पर किसानों से की जा रही है खुली लूट, मुख्यमंत्री के निर्देशों की प्रबंधकों द्वारा उड़ाई जा खुले आम धज्जियां | New India Times

त्रिवेन्द्र जाट, देवरी/सागर (मप्र), NIT:

बेलढाना व रसेना धान खरीदी केन्द्रों पर किसानों से की जा रही है खुली लूट, मुख्यमंत्री के निर्देशों की प्रबंधकों द्वारा उड़ाई जा खुले आम धज्जियां | New India Times

सागर जिले के देवरी क्षेत्र के बारह ग्राम पंचायत के समीप पुरेना चौकी ओपन कैम्प पर शासन द्वारा धान खरीदी केन्द्र खोले गये हैं जिससे कि वहां किसानों की धान खरीदी की जा सके व शासन की योजना अनुसार किसानों को लाभ दिया जा सके। इसके लिये कृषि मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री द्वारा कलेक्टरों व सम्बंधित विभाग अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये जा रहे हैं कि धान खरीदी केन्द्रों पर किसी भी प्रकार से किसानों को कोई समस्या न हो और ना ही खरीदी केन्द्र पर किसी भी प्रकार से भ्रष्टचार किया जाये, ऐसी स्थिति होने पर संबंधित केन्द्र प्रबंधक पर तथा संबंधित विभाग अधिकारी पर कार्यवाही करने की बात मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री द्वारा की जा रही है मगर मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री के आदेशों का पालन न करके उनके आदेशों की देवरी के बेलढाना समिति व रसेना समिति केन्द्र द्वारा खुलेआम मुख्यमंत्री को ही चुनौती देकर धज्जीयां उड़ाई जा रही है। क्या धान खरीदी केन्द्र के प्रबंधक गण स्वंय को मुख्यमंत्री से बढ़कर समझ वैठे हैं जो किसानों के साथ खुले तौर पर लुटाई करने में लगे हुये हैं।

बेलढाना व रसेना धान खरीदी केन्द्रों पर किसानों से की जा रही है खुली लूट, मुख्यमंत्री के निर्देशों की प्रबंधकों द्वारा उड़ाई जा खुले आम धज्जियां | New India Times

सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार पता लगा है कि केन्द्रों पर जमकर शराब खोरी चल रही है। कर्मचारी व प्रबधंक का पूरा स्टाप शराब के नशे में ही रहता है व किसानों के साथ अभद्रता करते हैं। शासन नियमानुसार केन्द्रों पर सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तुलाई का नियम है जबकि बेलढाना व रसेना धान खरीदी केन्द्रों पर मनमर्जी समय से तुलाई की जाती है। किसानों ने बताया कि माल अच्छा होने के बाबजूद भी तुलाई नहीं की जाती, उसे कैल्सिल किया जाता है और प्रति किवंटल के 150 लेकर पास कर तुलाई कर दी जाती है। दोनों केन्द्रों द्वारा किसानों से प्रति क्विटंल 150 रुपए वसूले जा रहे हैं। पल्लेदारी का चार्ज 20 रुपये प्रति क्विंटल बसूल रहे हैं जबकि ये पैसा नहीं लगता है साथ ही थ्रेसर का चार्ज प्रति क्विंटल 40 रुपये व उसमें मजदूरों का चार्ज 40 लिया जा रहा है। दोनों केन्द्रों द्वारा बिल बनाने के नाम पर भी प्रति किवंटल 150 रुपये वसूले जा रहे हैं। किसानों को दोनों केन्द्रों में खुलेआम लूटा जा रहा है जिस पर शासन के संबंधित अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है और सभी वरिष्ठ अधिकारी भी चुप्पी साध के बैठे हुये हैं।


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