वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर-खीरी (यूपी), NIT:
सरकारी विभागों के अधिकारी भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों की न तो अब अनदेखी कर सकेंगे और न ही उन्हें दबा सकेंगे। उन्हें इन शिकायतों को खुद तो गंभीरता से लेना ही होगा साथ ही विजिलेंस को भी सूचना देनी होगी। ऐसी शिकायतों की विजिलेंस पहले अपने स्तर से जांच करेगी और अगर सूचना सच पाई गई तो संबंधित भ्रष्ट अधिकारी या कर्मचारी को रंगे हाथ पकड़ने को जाल भी बिछाया जाएगा।
पिछले वर्षों रिश्वतखोरी के आरोप में लगभग तीन से चार सरकारी कर्मचारी रंगे हाथ पकड़े जा चुके हैं। इनकी शिकायत उन लोगों ने की थी जो इनके पास किसी न किसी समस्या के निराकरण को आए थे। मगर उसके एवज में उनसे रिश्वत की मांग की गई। विजिलेंस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उन पर शिकंजा तो कस दिया लेकिन शासन में बैठे उच्चाधिकारियों को मानना पड़ा कि लोकसेवकों की इस करतूत से सरकार की छवि पर असर पड़ सकता है। इसी के तहत गत दिनों अपर मुख्य सचिव ने सभी विभागों के सतर्कता विभाग के नोडल अधिकारियों और विजिलेंस के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि भ्रष्टाचार की शिकायतों को किसी भी स्तर पर अनदेखा न किया जाए बल्कि ऐसे किसी भी मामलों में त्वरित कार्रवाई की जाए जिससे भ्रष्टाचार को जड़-समूल नष्ट किया जा सके।
जल्द होगी कार्रवाई तय हुई जिम्मेदारी
सरकारी दफ्तरों में रिश्वतखोरी रोकने के लिए विजिलेंस टीम तैयार करेगी रणनीति।
- सभी विभागों के अधिकारियों को सुनिश्चित करना होगा कि उनके यहां रिश्वतखोरी न होगे।
- यदि कोई व्यक्ति रिश्वत लेने की शिकायत करता है तो उसे गंभीरता से लिया जाएगा।
- ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
- सभी विभागों में विजिलेंस के नंबर आदि के बोर्ड भी ऐसे स्थान पर लगाने हों, जहां से वह सभी को आसानी से दिख सकें।
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