अरशद आबदी, झांसी (यूपी ), NIT; बुंदेलखंड का एक साफ्टवेयर इंजीनियर जो बेंगलोर की कंपनी में नौकरी कर रहा था लेकिन आईएएस अफसर बनने की लगन ने उसे नौकरी छोड कर UPSC परिक्षा की तैयारी करने को मजबूर कर दिया और उसने बिना कोई कोचिंग किए इंटरनेट से तैयारी की और आज वह अपने मकसद में कामयाब हो गया जिससे बुंदेलखंड निवासियों और घर व रिश्तेदारों में खुशी की लहर दौड गई है।
मिली जानकारी के अनुसार कानपुर का होनहार साफ्टवेयर इंजीनियर विश्वास शुक्ला ने 8 लाख सालाना पैकेज छोडकर आईएएस बनने की ठानी और नौकरी छोडकर तैयारी में जुट गया। UPSC की तैयारी के दौरान उसने कोचिंग भी नहीं ली, इंटरनेट से पढाई कर टेस्ट पास किया और जब रिजल्ट आया तो 344वां रैंक हसील कर सफलता के झंडे गाड दिए जिससे पूरे परिवार में खुशी का माहौल छाया हुआ है। हर तरफ से बधाई आ रही है और पूजा पाठ का आयोजन किया जा रहा है। चकडोरी सरकार पर पूजा पाठ किया गया। जिसमें महंत राकेश महाराज और पं श्री रामस्वरूप बिदुआ ने पूजन करवाकर अधिकारी बनने कि प्रेरणा की।इस अवसर पर राम लोचन महाराज आदि विद्वान पंडित मौजूद रहे। विश्वाश शुक्ला पढाई में हमेशा अव्वल रहे। 2004 में हाईस्कुल पास किया जिसमें 84% अंक प्राप्त किये, वही इंटर की परीक्षा हरमिलाप इंटर कालेज से प्राप्त की और 86% अंक आये। इसके बाद वह BHU बनारस चला गया, वहां उसने इलेट्रॉनिक से बीटेक किया। कॉलेज से ही उसे प्लेसमेन्ट मिल गया। बेंगलोर में सॅमसंग कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर का काम करने लगा। बेंगलोर में 2012 से 2014 तक नौकरी की जिसमें उसे काफी रूपये मिलते थे लेकिन वह नौकरी छोडकर दिल्ली शिप्ट हो गया। वह नौकरी की लालच में नहीं रहा। उसकी सफलता के पीछे चाचा सत्यप्रकाश शुक्ला जी का हाथ है और साथ ही सभी परिवार वालों का भी। सभी क्षेत्र वासियों ने उसे बधाई दी है। आत्माराम यादव भारत सिह बुंदेला, क्षत्रपाल राजा नरेंद्र शुक्ला रबि बिंदुआ, शिवकुमार बिंदुआ, अरविंद बबलू नायक आदि लोग मौजूद रहे।
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