ग्वालियर पूर्व से कोंग्रेसी उम्मीदवार डॉ सतीश सिकरवार ने कड़े मुकाबले के बाद भाजपा उम्मीदवार मुन्नालाल गोयल को दी शिकस्त | New India Times

संदीप शुक्ला, ब्यूरो चीफ, ग्वालियर (मप्र), NIT:

ग्वालियर पूर्व से कोंग्रेसी उम्मीदवार डॉ सतीश सिकरवार ने कड़े मुकाबले के बाद भाजपा उम्मीदवार मुन्नालाल गोयल को दी शिकस्त | New India Times

सिंधिया के गढ़ ग्वालियर जिले में तीन में से दो सीटें जीतकर कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया है। सिंधिया का साथ देते हुए कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आये श्री गोयल और अब तक अपराजय रहीं महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी चुनाव नहीं जीत सकीं।

ग्वालियर पूर्व सीट सिंधिया के लिए तो प्रतिष्ठापूर्ण थी ही क्योंकि यहां से विधायक मुन्नालाल गोयल ने सिंधिया के समर्थन में ही इस्तीफा देकर भाजपा ज्वाइन की थी बल्कि इसे भाजपा ने भी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया था वजह थे यहां से कांग्रेस प्रत्याशी सतीश सिकरवार। डॉ सिकरवार भाजपा के दिग्गज नेता थे, वे और उनकी पत्नी कई बार से पार्षद हैं, वे 2018 में भाजपा के टिकिट पर पूर्व से चुनाव भी लड़े थे लेकिन हार गए थे। सिंधिया समर्थक श्री गोयल के भाजपा में आने के बाद उन्हें अपना भविष्य धूमिल लग रहा था लिहाजा उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया और उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बन गए।
डॉ सिकरवार का परिवार मुरैना में दशकों से भाजपा से जुड़ा है। उनके पिता गजराज सिंह सुमावली से दो बार विधायक और भाजपा के जिला अध्यक्ष भी रहे। उनके छोटे भाई सत्यपाल सिंह नीटू भी विधायक रहे। सतीश के कांग्रेस के प्रत्याशी बनने से भाजपा ने उनके पिता और भाई को पार्टी से निष्काषित कर दिया था।
कल आये परिणाम में सतीश सिकरवार ने शानदार जीत हासिल की। ग्वालियर पूर्व को भाजपा की सीट माना जाता है। पिछली बार को छोड़ दें तो यहां से कांग्रेस कभी नहीं जीती लेकिन सिकरवार ने 11 हजार मतों के भारी अंतर से अपने प्रतिद्वंद्वी सिंधिया समर्थक मुन्नालाल गोयल को हराकर विजय प्राप्त की।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading