शारिफ अंसारी, मुंबई, NIT;
24 मई को हुए भिवंडी निजामपुर शहर महानगर पालिका चुनाव में कांग्रेस पार्टी के 64 में से 47 प्रत्याशियों नें जीत हासिल कर मनपा की सत्ता हेतु पूर्ण बहुमत हासिल कर ली है। इस मनपा चुनाव में भाजपा को 19 व शिवसेना के हाथ में मात्र 12 सीटें लगी हैं वहीं विकास कोणार्क आघाडी को मात्र 4 सीटों सहित सपा को 2 सीटों पर संतोष करना पड़ा है। आरपीआई (से) 4 सीटें एवं अपक्ष उम्मीदवार 2 सीटें हासिल करने में कामयाब रहे हैं। अप्रत्याशित तरीके से आये चुनाव नतीजों में राकांपा का सूपड़ा साफ़ हो गया है। मनपा विरोधी पक्ष नेता व राकां जिलाध्यक्ष शेख खालिद गुड्डू कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी से चुनाव हार गये हैं। वहीं, कांग्रेसियों ने कांग्रेस पार्टी की भारी जीत के बाद भिवंडी में ‘सोनिया गाँधी जिंदाबाद, अशोक चौहान जिंदाबाद व शोएब गुड्डू जिंदाबाद’ के नारे लगाए, जम कर पटाखा फोड़ा और मिठाइयाँ बांटी। भिवंडी मनपा चुनाव में मिली कांग्रेस को प्रचंड जीत से भाजपा-कोणार्क विकास आघाडी का अगला मनपा महापौर बनाये जानें का सपना पूर्णतयः चकनाचूर हो गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष शोएब गुड्डू ने अपने बयान में कहा देश और महाराष्ट्र में भिवंडी की जनता ने मोदी का जादू नही चलने दिया | भाजपा के जीत का रथ रोककर सन्देश दिया कि भारत देश में लोकतंत्र अभी जिंदा ही नही पूरी तरह से बुनियादी मज़बूत है। कांग्रेस पार्टी जनता से किए गए वादे को पूरा करेगी। कांग्रेस का महापौर जनता का महासेवक होगा।
गौरतलब हो कि, भिवंडी निजामपुर शहर महानगर पालिका का चुनाव 24 मई को हुआ था। मनपा चुनाव में कांग्रेस द्वारा 64, भाजपा 57, शिवसेना 55, सपा 32, राष्ट्रवादी 32, कोणार्क विकास आघाडी 16, एमआईएम 09, मनसे 07, बसपा 05, संभाजी ब्रिगेड 04, आरपीआई(एकतावादी) 04, आरपीआई (सेकुलर) 03, भारिप बहुजन महासंघ 02, जनता दल यूनाईटेड 01 को मिलाकर 14 राजनैतिक दलों के 291 प्रत्याशी तथा निर्दलीय 169 उम्मीदवार सहित कुल 460 उम्मीदवार चुनाव मैदान में भाग्य आजमा रहे थे | राजनैतिक विश्लेषकों के अनुसार, मनपा चुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस व भाजपा-विकास कोणार्क आघाडी एवं शिवसेना के बीच त्रिकोणीय माना जा रहा था। मनपा निकाय चुनाव में मतों का विभाजन रोके जाने हेतु मजबूती के मद्देनजर सपा व राकां द्वारा संयुक्त गठबंधन के तहत चुनाव मैदान में उम्मीदवारों को उतार कर कांग्रेस सहित अन्य दलों को कड़ी चुनौती दिए जाने की कोशिश की गयी थी जो पूर्णतयः बेकार साबित हुई है।राकांपा जिलाध्यक्ष शेख खालिद गुड्डू खुद अपनी सीट बचानें में नाकामयाब रहे व कांग्रेस प्रत्याशी से चुनाव हार गये हैं। भाजपा के बागी उत्तरभारतीय नेता मनोज सिंह ठाकुर की धर्मपत्नी क्षमा मनोज सिंह ठाकुर नें प्रभाग क्र.17 के भाजपा प्रत्याशी को करारा झटका देते हुए जीत दर्ज कराते हुए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को टिकट बटवारे में उत्तरभारतीयों की उपेक्षा के प्रति सोचनें को मजबूर कर दिया है | इस मनपा चुनाव 2017 में कांग्रेस 47, भाजपा 19, शिवसेना 12, कोणार्क विकास आघाडी 04, आरपीआई(से) 04, सपा 02, निर्दलीय 02 सहित 90 प्रत्याशियों नें जीत हासिल की है। मनपा चुनाव में ख़ास बात यह रही कि, जहां भी चला पैनल का जादू चला अन्यथा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी चुनाव हार गये। 4 सदस्यीय पैनल से प्रथम बार हुए भिवंडी मनपा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों का अधिसंख्यक पैनल शतप्रतिशत विजेता रहा। राज्य भाजपा में भाजपा की अघाड़ी सरकार के चार पैनल की रणनीति का जादू पूरी तरह फेल रहा। मनपा चुनाव में विजयी उम्मीदवारों में प्रमुख रूप से महापौर तुषार चौधरी (शिवसेना), मनपा उप महापौर अहमद सिद्दीकी, मनपा स्थाई समिति सभापति मो. इमरान खान, पूर्व महापौर जावेद दलवी, पूर्व महापौर कोणार्क विकास आघाडी मुखिया विलास पाटिल, प्रतिभा विलास पाटिल सहित शिक्षण मंडल पूर्व सभापति प्रदीप राका की सुपुत्री ऋषिका राका, भाजपा जिलाध्यक्ष संतोष एम् शेट्टी, सांसद कपिल पाटिल के भतीजे सुमित पाटिल, मनपा सभागृह नेता स्व. मनोज म्हात्रे की धर्मपत्नी वैशाली म्हात्रे, आरपीआई जिलाध्यक्ष महेंद्र गायकवाड की पत्नी, पूर्व नगराध्यक्ष मदन नाईक व सेना विधायक रुपेश म्हात्रे के भाई संजय म्हात्रे तथा सेना छोड़कर भाजपा में आए बहुचर्चित उम्मीदवार नित्यानंद नाडार उर्फ़ वासू अन्ना भारी मतों से जीत दर्ज कराए जानें में सफल रहे हैं।
मनपा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों का प्रचार करनें हेतु मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस सहित राज्यमंत्री रविंद्र चव्हाण, प्रकाश मेहता सहित कई भाजपा धुरंधर भिवंडी पहुंचे थे, लेकिन मुख्यमंत्री का जादू भिवंडी में नही चला। इसी तरह कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक चव्हाण, सपा मुखिया अबू आसिम आजमी एवं राकां प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे सहित अन्य शीर्ष नेताओं नें भी चुनावी प्रचार सभाएं कर मतदाताओं में जोश जगाया था। सांसद कपिल पाटिल जिलाध्यक्ष संतोष एम् शेट्टी एवं राकां व सपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा प्रचार में उठाये गये शहर के विकास के मुद्दे पर भरोसा न दिखाते हुए अधिसंख्यक मतदाताओं नें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण व जिलाध्यक्ष शोएब गुड्डू द्वारा किये गये विकास वायदों पर भरोसा दिखाते हुए मनपा की एकछत्र सत्ता कांग्रेस को सौंप दी है।
मनपा चुनाव में हुई कांग्रेस पार्टी की अपार जीत से गदगद कांग्रेस जिलाध्यक्ष शोएब गुड्डू की अगुवाई में हजारों की संख्या में कांग्रेसी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं द्वारा मनपा मुख्यालय के सामनें स्थित पार्टी कार्यालय के नीचे जोरदार पटाखे फोड़कर लड्डू बांटे गये। कांग्रेस जिलाध्यक्ष शोएब गुड्डू नें पार्टी को बहुमत से जिताए जानें के लिए मतदाताओं को शुक्रिया कहते हुए शहर की बुनियादी समस्याओं के निदान व शहर का सर्वांगीण विकास किए जानें का भरोसा दिया है।
बता दें कि, 2012 में हुए मनपा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मात्र 27 सीटें ही हासिल हुई थीं, जिसमें कांग्रेस पार्टी के दो नगरसेवकों द्वारा गद्दारी किए जाने से कांग्रेस पार्टी का महापौर बनते-बनते रह गया था और विकास कोणार्क आघाडी प्रमुख विलास पाटिल मात्र 6 नगरसेवकों की फौज के साथ राजनैतिक दलों से जोड़तोड़ कर महापौर बन गये थे, जिसका दर्द आज भी कांग्रेस नहीं भूल सकी है। आखिरकार कांग्रेस ने इस चुनाव में भाजपा तथा कोणार्क विकास अघाड़ी से अपना बदला ब्याज़ सहित वापस लेने में सफल रही।सन 2000 से भिवंडी-निजामपुर शहर महानगरपालिका का अस्तित्व में आने के बाद चौथे मनपा आम चुनाव में आखिरकार कांग्रेस ने भिवंडी मनपा पर पूर्ण बहुमत से कब्ज़ा कर कांग्रेस का तिरंगा लहराने में सफल रही। हालांकि, भिवंडी महानगरपालिका के प्रथम महापौर कांग्रेस के सुरेश टावरे बने थे, लेकिन तब कांग्रेस को पूर्ण बहुमत हासिल नही हुआ था।
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